शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस आमने-सामने, प्रेशर से फेंका जा रहा पानी और दागे जा रहे आंसू गैस के गोले
किसानों ने एक बार फिर 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया है, जिसके बाद पुलिस ने किसानों को पंजाब-हरियाणा सीमा पर रोक लिया है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस पानी की बौछार कर रही है.
Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 101 किसानों के एक जत्थे ने शनिवार को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया. प्रदर्शनकारी किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के बीच अंबाला के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं 14 दिसंबर सुबह 6 बजे से 17 दिसंबर तक निलंबित कर दी गई हैं.
हालांकि, शंभू सीमा पर तैनात पुलिस ने मार्च कर रहे किसानों को रोक दिया, अंबाला के एसपी ने किसानों से कहा कि उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए अधिकारियों से अनुमति लेनी चाहिए. अंबाला एसपी ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा, "... अगर आप दिल्ली जाना चाहते हैं तो आपको उचित अनुमति लेनी चाहिए और एक बार अनुमति मिल जाने के बाद हम आपको जाने देंगे. कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई... बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं... बैठक की अगली तारीख 18 दिसंबर है. हम आपसे अपील करते हैं कि आप यहां शांति से बैठें और नियमों का पालन करें."
MSP के कानूनी गारंटी की मांग
इससे पहले दिन में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 101 किसानों को पैदल मार्च करने से रोकने के सरकार के तर्क पर सवाल उठाया और इसे अनुचित बताया. उन्होंने सरकार से बातचीत शुरू करने की मांग दोहराई और विरोध प्रदर्शन को बढ़ने से रोकने के लिए उनकी शिकायतों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया. पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर 13 फरवरी को शुरू हुआ किसानों का आंदोलन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों पर आधारित है.
राकेश टिकैत आ रहे सामने
प्रमुख किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल द्वारा 26 नवंबर को आमरण अनशन शुरू करने के बाद यह विरोध और भी तीव्र हो गया. उनका बिगड़ता स्वास्थ्य प्रदर्शनकारियों और नेताओं दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भूख हड़ताल शुरू होने के बाद से उनका वजन 14 किलोग्राम कम हो गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार , शुक्रवार 13 दिसंबर को किसान नेता राकेश टिकैत ने एकजुटता दिखाने के लिए खनौरी सीमा पर डल्लेवाल का दौरा किया और सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया.
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