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Road Accident में गई थी जान, 5 साल मुकदमा लड़ने के बाद मिला 92 लाख का क्लेम

Road Accident: सड़क हादसे में जान गंवाने वाले एक शख्स के परिवार को 5 साल कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी तब जाकर उन्हें हर्जाना मिल पाया है.

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साल 2019 में विनोद बाबू पॉल मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे लेकिन घर नहीं लौट पाए. कुछ देर बाद उनके परिजन को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक अस्पताल से फोन आया कि विनोद को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. उनके परिजन अस्पताल पहुंचे, कई दिनों तक इलाज चला लेकिन सिर पर गंभीर चोटें आने की वजह से एक हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई. इस मामले में विनोद पाल के परिवार ने उस गाड़ी के मालिक और इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ मुकदमा कर दिया था. पांच साल तक चली कानूनी जंग के बाद कोर्ट ने कहा है कि पीड़ित परिवार को 92 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर दी जाए.

रिपोर्ट के मुताबिक, विनोद बाबू पाल को काले रंग की एक कार ने टक्कर मारी थी. शुरुआत में दूसरे पक्ष ने दावा किया कि हादसे के वक्त वह कार घटनास्थल से काफी दूर थी ऐसे में एक्सीडेंट की बात गलत है. बाद में मेडिकल रिपोर्ट समेत अन्य साक्ष्यों के आधार पर विनोद पाल के वकील मनोज पांडेय और उनकी टीम ने यह साबित किया है कि इसी कार से उनका एक्सीडेंट हुआ. एक्सीडेंट के चलते उनके सिर में गंभीर चोट आई और उनकी मौत हो गई.

विनोद पर आश्रित था पूरा परिवार

विनोद बाबू की उम्र उस वक्त 55 साल थी. वह भोपाल के बैरसिया रोड पर स्थिल इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सॉइल साइंस में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात थे. उनके परिवार ने बताया कि वही घर के इकलौते कमाऊ शख्स थे और पूरा परिवार उनपर आश्रित था. इसी आधार पर परिजन ने 1 करोड़ 99 लाख रुपये के हर्जाने की मांग की थी. कोर्ट ने परिजन के दावों की जांच की है और अब आदेश दिया है कि उनको 92 लाख रुपये का हर्जाना दिया जाए.

इसके साथ-साथ 2 जनवरी 2020 से 6 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा. कोर्ट ने यह राशि चुकाने के लिए दो महीने का समय दिया है. ये पैसे विनोद पाल की पत्नी श्रीदेवी पाल (60 पर्सेंट), बेटी आकांक्षा सिंह (20 पर्सेंट) और विनोद पाल की मां राम जानकी (20 पर्सेंट) दिए जाएंगे.