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Fact Check: चुनाव आयोग ने किया फैक्ट चैक, मतदाता सूची में हेराफेरी पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को बताया 'भ्रामक'

चुनाव आयोग ने कथित "मतदाता सूची में हेराफेरी" को लेकर  विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को "गलत" करार देते हुए खारिज कर दिया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
EC
Courtesy: Social Media

भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को द न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है. जिसमें विपक्षी नेताओं द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों का हवाला दिया गया था. "मतदान में धांधली का दावा करते हुए विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों भारतीय सांसदों को हिरासत में लिया गया शीर्षक वाले NYT के लेख का खंडन करने के लिए जारी एक तथ्य-जांच में चुनाव आयोग ने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बारे में "क्षेत्रीय स्तर पर वास्तविक सच्चाई" दिखाने वाले वीडियो के लिंक शामिल हैं. इन वीडियो में कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों सहित कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के बयान शामिल हैं.

चुनाव आयोग ने कथित "मतदाता सूची में हेराफेरी" को लेकर  विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को "गलत" करार देते हुए खारिज कर दिया. इसने बिहार में मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले प्रकाशन के समय और उसके जारी होने के बाद राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठकों का विस्तृत विवरण दिया और इस बात पर ज़ोर दिया कि यह प्रक्रिया सर्वोच्च पारदर्शिता के साथ की गई है. यह दोहराते हुए कि शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मज़बूत बनाती है चुनाव आयोग ने बिहार में चल रहे एसआईआर के लिए आधिकारिक आदेश भी फिर जारी किया.

चुनाव आयोग ने एसआईआर पर अपना दैनिक बुलेटिन भी जारी किया

यह तथ्य-जांच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा संसद से दिल्ली के निर्वाचन सदन स्थित ईसीआई मुख्यालय तक इंडिया ब्लॉक पार्टियों द्वारा संयुक्त विरोध मार्च का नेतृत्व करने के एक दिन बाद की गई. चुनाव आयोग ने एसआईआर पर अपना दैनिक बुलेटिन भी जारी किया, जिससे पता चला कि मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के 12 दिन बाद भी किसी भी राजनीतिक दल ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. बुलेटिन के अनुसार, बिहार के मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ) और निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (ईआरओ) की टीम ने मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल करने या अपात्र मतदाताओं के नाम हटाने के लिए मतदाताओं द्वारा सीधे प्रस्तुत 341 दावों और आपत्तियों का निपटारा कर दिया है.

बिहार में मतदाता सूची को लेकर बवाल

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में अब तक चुनाव कार्यालय को मतदाताओं से 13,970 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं. नियमों के अनुसार, संबंधित ईआरओ या सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी (एईआरओ) पात्रता दस्तावेजों के सत्यापन के बाद सात दिनों की अवधि के बाद ही ऐसे दावों और आपत्तियों का निपटारा करते हैं. ईसीआई ने यह भी बताया कि 1 अगस्त से अब तक बिहार में 63,591 नए मतदाताओं ने मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए फॉर्म जमा किए हैं - जिनमें से सभी की उम्र एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद 18 वर्ष हो गई है.