Excise policy case: ईडी के एक और समन को इनकार, AAP बोली- मामला कोर्ट में है

Excise policy case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से ईडी के समन पर पेश नहीं होंगे. कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की तरफ से सात समन भेजे जा चुके हैं.

India Daily Live

Excise policy case: दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होंगे.  केजरीवाल ने आज एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय के सातवें नोटिस को भी दरकिनार करते हुए ईडी से सामने पेश होने से इनकार कर दिया है. ईडी केजरीवाल को सात समन भेज चुकी है. 

ईडी ने केजरीवाल को सातवां समन तब जारी किया जब वह पिछले साल 2 नवंबर से लगातार पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे थे. ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गुरुवार (22 फरवरी) को 7वां समन भेजते हुए पूछताछ के लिए आज (26 फरवरी) को बुलाया था. ईडी ने इससे पहले अरविंद केजरीवाल को सोमवार (19 फरवरी 2024) को भी बुलााया था लेकिन वह पेश नहीं हुए थे. 

'मोदी सरकार को इस तरह दबाव नहीं बनाना चाहिए'

आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली के सीएम और 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज ईडी के पास नहीं जाएंगे. मामला कोर्ट में है और अगली सुनवाई 16 मार्च को है. ईडी को रोजाना समन भेजने के बजाय कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. मोदी सरकार को इस तरह दबाव नहीं बनाना चाहिए. हम गठबंधन के साथ है. पिछली बार AAP ने ईडी के समन को गैर कानूनी बताते हुए तब कहा था कि ED के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है. ईडी ने खुद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ईडी को बार बार समन भेजने के बजाय कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. 

मिल चुके है 7 समन

ईडी ने केजरीवाल को इस मामले में 7 समन भेजे हैं. पहला समन 2 नवंबर 2023 को भेजा था. इस समन पर वह पेश नहीं हुए. दूसरा समन ईडी ने 21 दिसंबर 2023 को भेजा, इसमें भी दिल्ली के सीएम पेश नहीं हुए. इसके बाद ईडी ने 3 जनवरी 2024 को तीसरा समन को भेजा. 17 जनवरी 2024 को ईडी ने चौथा समन भेजा, लेकिन केजरीवाल नहीं पहुंचे. 2 फरवरी 2024 को ईडी ने पांचवां समन भेजा, फिर सीएम पेश नहीं हुए. ईडी ने 14 फरवरी को छठा समन भेजकर उन्हें 19 फरवरी को पेश होने के लिए बुलाया, लेकि केजरीवाल नहीं पहुंचे. 

क्या है आरोप?

ईडी का आरोप है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को उत्पाद शुल्क नीति को अंतिम रूप देने के लिए ₹100 करोड़ की रिश्वत मिली. यह भी आरोप लगाया गया कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया था. अब तक, केंद्रीय एजेंसी ने मामले में  दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया है.