'पुतिन को रोकिए', यूरोपीय यूनियन के शीर्ष नेताओं ने पीएम मोदी को मिलाया फोन, रूस यूक्रेन युद्ध पर मांगी मदद

यूरोपीय संघ (EU) के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने में सहयोग करने की अपील की. इस दौरान दोनों पक्षों ने भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द से जल्द पूरा करने और वैश्विक स्थिरता के लिए रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया. मोदी ने दोहराया कि भारत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति बहाली का लगातार समर्थन करता है.

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Kuldeep Sharma

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक स्तर पर गहमागहमी बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की. इस वार्ता में युद्ध समाप्त कराने के प्रयासों के साथ-साथ भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत को तेज करने पर भी चर्चा हुई. नेताओं ने माना कि यह युद्ध पूरी दुनिया की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन चुका है.

वार्ता के बाद कोस्टा और वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि रूस को आक्रामक युद्ध समाप्त करने और शांति की राह पर लाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ भारत की निरंतर बातचीत का स्वागत किया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शीघ्र स्थिरता बहाल करने के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. हाल ही में मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जेलेंस्की दोनों से इस मुद्दे पर बातचीत की है.

मुक्त व्यापार समझौते पर जोर

फोन कॉल पर भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ता को जल्द से जल्द पूरा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया. दोनों पक्ष इस साल के अंत तक डील फाइनल करने का लक्ष्य रख चुके हैं. नेताओं ने तकनीक, रक्षा, निवेश, सप्लाई चेन और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति पर संतोष जताया. साथ ही, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) को लागू करने की साझा प्रतिबद्धता दोहराई. भारत और ईयू अब तक 12 दौर की बातचीत कर चुके हैं और अगला शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित करने पर सहमति जताई गई है.

पश्चिमी दबाव और ऊर्जा सुरक्षा

युद्ध के बीच पश्चिमी देशों ने रूस के साथ व्यापार और तेल खरीद पर भारत पर दबाव बढ़ा दिया है. अमेरिका ने हाल ही में भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. हालांकि भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव ऊर्जा सुरक्षा के आधार पर किया है. फिलहाल रूस भारत की ऊर्जा जरूरतों का करीब 40 फीसदी हिस्सा पूरा कर रहा है. इस पृष्ठभूमि में ईयू का 'एंटी-सर्कमवेंशन टूल' भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जिस पर कोपेनहेगन में शनिवार को ईयू देशों के विदेश मंत्री विचार करेंगे.

शांति और वैश्विक स्थिरता पर फोकस

भारत और ईयू दोनों ने यह मान्यता दोहराई कि उनकी रणनीतिक साझेदारी वैश्विक चुनौतियों से निपटने, स्थिरता लाने और नियम-आधारित व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बेहद अहम है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रि सिबिहा से बातचीत कर भारत की प्रतिबद्धता जताई कि संघर्ष का जल्द अंत हो और स्थायी शांति कायम हो. यह स्पष्ट है कि भारत युद्ध को खत्म कराने में मध्यस्थता की भूमिका निभाने को तैयार है, लेकिन वह समाधान को युद्धभूमि नहीं बल्कि वार्ता के जरिए संभव मानता है.