Bigg Boss 19

'विजय की पार्टी TVK अभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है...', करूर मामले में चुनाव आयोग ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया

TVK Controversy: चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को बताया कि अभिनेता विजय की पार्टी TVK अभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है. करूर हादसे में 41 लोगों की मौत के बाद हाईकोर्ट ने सभी संबंधित मामलों को एक विशेष पीठ को सौंपने का आदेश दिया. याचिका में विजय पर लापरवाही और बच्चों को रैली में शामिल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

@TVKVijayHQ X account
Km Jaya

TVK Controversy: तमिल अभिनेता विजय की राजनीतिक पार्टी 'तमिलगा वेत्री कझगम' यानी TVK को चुनाव आयोग ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है. शुक्रवार को भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने मद्रास हाईकोर्ट को बताया कि विजय की पार्टी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है. अदालत ने करूर में हुई भगदड़ से जुड़े सभी मामलों को एक विशेष पीठ के पास भेजने का निर्देश दिया है.

मुख्य न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी अरुल मुरुगन की पीठ के समक्ष चुनाव आयोग के वकील निरंजन राजगोपाल ने बताया कि TVK अभी तक आयोग के नियमों के अनुरूप मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी बनने की शर्तें पूरी नहीं कर पाई है. आयोग के अनुसार किसी पार्टी को मान्यता तब मिलती है जब वह विधानसभा में कम से कम दो सीटें या लोकसभा में एक सीट जीत ले और कम से कम 6 प्रतिशत वैध वोट हासिल करे.

भगदड़ कांड को लेकर पार्टी पर लगे गंभीर आरोप 

यह दलील उस याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई, जिसमें करूर भगदड़ कांड को लेकर विजय और उनकी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 27 सितंबर को विजय की सभा में हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे.

प्रशासनिक अनुमति की शर्तों का उल्लंघन

याचिकाकर्ता, जो मदुरै बेंच में वकालत करते हैं, उन्होंने कहा कि यह रैली एक बेहद तंग जगह पर आयोजित की गई थी और प्रशासनिक अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया गया था. इसके कारण कई लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए. याचिका में कहा गया कि आयोजकों ने संविधान के अनुच्छेद 21 और 21ए के तहत लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया है और बाल श्रम कानून, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और प्रतिनिधित्व अधिनियम का भी उल्लंघन हुआ है.

नाबालिगों की भागीदारी पर रोक

याचिकाकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें चुनाव अभियानों में नाबालिगों की भागीदारी पर रोक लगाई गई थी. साथ ही, चुनाव आयोग से सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. याचिका में TVK को भंग करने, राजनीतिक सभाओं में बच्चों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने और विजय को पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश देने की मांग की गई है.

एफआईआर में बदलाव की मांग 

हाईकोर्ट ने कहा कि विजय के खिलाफ एफआईआर में बदलाव की मांग पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सीबीआई जांच में शामिल है. इसलिए इस मामले को उसी के अनुसार आगे बढ़ाया जाएगा. अदालत ने करूर हादसे से जुड़े सभी मामलों को एक विशेष पीठ के पास भेजने का निर्देश दिया है, सिवाय उन मामलों के जो पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं.