Ajit Pawar Farmer Controversy: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुरुवार को मराठवाड़ा क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे, जहां हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ से फसलें व घर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस दौरान जब एक किसान ने सरकार से कर्जमाफी की मांग पर सवाल किया तो पवार का धैर्य जवाब दे गया. उन्होंने किसान से नाराजगी जताते हुए कहा, 'बना दो उसे मुख्यमंत्री.'
मराठवाड़ा में बारिश और बाढ़ से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. विपक्षी दल लगातार सरकार से 'सूखा' घोषित करने और किसानों को तुरंत राहत देने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि जैसे पंजाब समेत अन्य राज्यों में केंद्र सरकार ने मदद दी थी, वैसे ही महाराष्ट्र के किसानों को भी कर्जमाफी और आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए.
दरअसल, अजित पवार बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा ले रहे थे, तभी एक किसान ने उनसे सीधा सवाल किया कि क्या सरकार कर्जमाफी देगी. इस पर पवार ने गुस्से में जवाब दिया, 'बना दो उसे मुख्यमंत्री.' हालांकि बाद में उन्होंने कहा, 'मैं सच बोलता हूं, राजनीति नहीं करता. जरूरतमंदों की मदद में हम कहीं पीछे नहीं हैं. सरकार ‘लाडकी बहिन’, बिजली बिल माफी और संजय गांधी निराधार योजना जैसी योजनाओं के जरिए मदद कर रही है.'
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार केंद्र से किसानों के लिए मदद मांगेगी. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा. पवार ने कहा कि सरकार किसानों को अकेला नहीं छोड़ेगी और हर संभव मदद देने के लिए तैयार है. दौरे के दौरान अजित पवार ने बीड और आसपास के जिलों में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे और नष्ट हुई फसलों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके. पवार की यह टिप्पणी हालांकि राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है. विपक्ष का कहना है कि किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से जवाब देने के बजाय उपमुख्यमंत्री ने गुस्सा दिखाकर संवेदनहीनता का परिचय दिया. वहीं, पवार समर्थकों का कहना है कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और सरकार किसानों की मदद के लिए लगातार काम कर रही है.