Operation Sindoor: 'पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था...', एयर डिफेंस की कार्रवाई थी पूर्व नियोजित, ऑपरेशन सिंदूर पर बोले DGMO

इस प्रेस ब्रीफिंग को रक्षा विशेषज्ञों द्वारा एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है. इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारतीय सेना अब किसी भी प्रकार के उकसावे पर चुप नहीं बैठेगी और जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा.

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Mayank Tiwari

भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले कई दिनों से शुरू हुआ तनाव करीब-करीब शांत हो चुका है. दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर शांति का माहौल है. इस बीच डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि एयर डिफेंस की कार्रवाई किसी अचानक फैसले का नतीजा नहीं थी, बल्कि इसे एक विशेष परिप्रेक्ष्य में समझने की जरूरत है.

प्रेस को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल घई ने स्पष्ट किया, "हमें एयर डिफेंस की कार्रवाई को एक कॉन्टेक्स में समझने की जरूरत है. पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था. हमने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी और कार्रवाई की गई. इस बयान से यह संकेत मिलता है कि सेना पहले से ही किसी बड़ी जवाबी कार्रवाई की योजना बना चुकी थी और हालात को देखते हुए यह कदम उठाया गया.

हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत कठिन- DGMO

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आगे कहा, "हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत कठिन है... मैंने देखा कि विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है. वह मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं.

उन्होंने अपने बचपन की बात बताते हुए कहा,'' 1970 के दशक में, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज के दौरान, दो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप को नष्ट कर दिया था, और तब ऑस्ट्रेलिया ने एक कहावत गढ़ी थी. "राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता, तो लिली तुम्हें पकड़ लेगी". अगर आप परतें देखेंगे, तो आप समझ जाएंगे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं.भले ही आप सभी परतों को पार कर लें, इस ग्रिड सिस्टम की परतों में से एक आपको मार डालेगी."

जब हौसले बुलंद हों...'

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पाकिस्तान के ड्रोन और हथियारों की गई कोशिशें नाकाम हुईं और जो बचे ड्रोन थे, उन्हें मार गिराया गया. मैं BSF की भी सराहना करना चाहता हूं. पहरा देने वाले जवान हमारे इस अभियान में शामिल हुए और बहादुरी के साथ हमारा साथ दिया. इसके कारण पाकिस्तान की नापाक हरकतों का विनाश किया गया. जब हौसलों बुलंद हों, तो मंजिलें भी कदम चूमती हैं.