menu-icon
India Daily

PAK ने अशांति से बचने के लिए एयर स्पेस का इस्तेमाल करने के इंडिगो पायलट के अनुरोध को किया अस्वीकार- DGCA

DGEC ने कहा, "उड़ान में किसी भी यात्री को चोट नहीं आई. उड़ान के बाद निरीक्षण में विमान की नाक में नुकसान का पता चला. इस मामले की जांच डीजीसीए द्वारा की जा रही है.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
खराब मौसम ने बढ़ाई चुनौतियां
Courtesy: Social Media

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार (23 मई) को बताया कि बुधवार को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो उड़ान 6ई 2142 ने खराब मौसम के कारण उत्पन्न अशांति से बचने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया.

मीडिया रिपोर्च डीजीसीए के बयान के अनुसार, एयरबस ए321 नियो (पंजीकरण वीटी-आईएमडी) 36,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था, जब पठानकोट के पास इसे हिंसक तूफान का सामना करना पड़ा. "विमान पर ओलावृष्टि हुई और तीव्र अशांति के कारण उड़ान प्रणालियों में बड़े व्यवधान उत्पन्न हुए.

जानिए DGCA ने क्या कहा ?

डीजीसीए ने कहा कि पायलट ने श्रीनगर हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी), जो भारतीय वायुसेना (आईएएफ) द्वारा संचालित है, उनको  पैन-पैन घोषित किया. विमानन शब्दावली में, "पैन-पैन" मेडे से कम गंभीर लेकिन तत्काल सहायता की आवश्यकता वाला संकट संदेश है.

अनुमति अस्वीकृत, जांच शुरू

डीजीसीए ने स्पष्ट किया कि चालक दल ने मौसम के कारण उत्तरी नियंत्रण (आईएएफ के अधीन) से अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर बाईं तरफ विचलन की अनुमति मांगी, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली. हालांकि, "बाद में चालक दल ने लाहौर एटीसी से उनके हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी, लेकिन वह भी अस्वीकार कर दी गई," डीजीसीए ने पुष्टि की. तूफान के तेजी से बढ़ने पर चालक दल ने वापस लौटने की कोशिश की, लेकिन तूफानी बादल के करीब होने के कारण उन्होंने श्रीनगर की ओर सबसे छोटे रास्ते से तूफान को पार करने का निर्णय लिया. डीजीसीए ने कहा, "चालक दल ने तूफान में प्रवेश किया, जहां उन्हें ओलावृष्टि और तीव्र अशांति का सामना करना पड़ा."

तकनीकी खराबी और सुरक्षित लैंडिंग

तूफान के भीतर विमान को खतरनाक ऊर्ध्वाधर हवाओं (अपड्राफ्ट और डाउनड्राफ्ट) का सामना करना पड़ा, जिससे कई महत्वपूर्ण प्रणालियों में खराबी आई. डीजीसीए ने बताया, "ऑटोपायलट डिस्कनेक्ट हो गया, गति अविश्वसनीयता, स्टॉल स्थिति और सिस्टम सुरक्षा हानि की चेतावनियां शुरू हो गईं. इस दौरान विमान की अवरोहण दर 8500 फीट प्रति मिनट तक पहुंच गई.

चालक दल ने तूफान से बाहर निकलने तक विमान को मैन्युअल रूप से उड़ाया. सभी चेकलिस्ट कार्रवाइयों को पूरा करने के बाद, चालक दल ने श्रीनगर एटीसी को पैन-पैन घोषित किया और रडार वैक्टर की मांग की, जिसके बाद विमान ने सामान्य ऑटो थ्रस्ट के साथ सुरक्षित लैंडिंग की.