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राहुल गांधी के दिल्ली यूनिवर्सिटी के दौरे पर टूटा प्रोटोकॉल! छात्रों के साथ कांग्रेस की स्टूडेंट्स विंग NSUI ने की बदसलूकी

डूसू अध्यक्ष रोनक खत्री, जोकि एनएसयूआई से जुड़े हुए हैं, उन्होंने जवाब दिया कि निजी अतिथि को आमंत्रित करने के लिए छात्र संगठन को अनुमति लेने का कोई नियम नहीं है, खासकर जब यह सार्वजनिक सभा या कैंपस सुरक्षा का उल्लंघन न करता हो.

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Edited By: Mayank Tiwari
Congress leader Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गुरुवार (22 मई) को दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में अचानक यात्रा ने विवाद खड़ा कर दिया. जहां दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसे संस्थागत प्रोटोकॉल का उल्लंघन और छात्र शासन में व्यवधान करार दिया. चूंकि, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डूसू) अध्यक्ष के कार्यालय में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के साथ प्रतिनिधित्व, समानता और शैक्षणिक न्याय के मुद्दों पर चर्चा की.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय ने बयान जारी कर इस यात्रा की निंदा की और उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. विश्वविद्यालय के अनुसार, राहुल गांधी के लगभग एक घंटे के प्रवास के दौरान डूसू कार्यालय को सुरक्षा बलों ने घेर लिया, जिससे कार्यालय का सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ। बयान में कहा गया, "डूसू कार्यालय को सुरक्षा घेरे में बंद कर दिया गया और किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी.

सुरक्षा व्यवस्था और व्यवधान

वहीं, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बताया कि डूसू सचिव को भी कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के सदस्यों ने उनके कार्यालय में प्रवेश से रोका. विश्वविद्यालय ने दावा किया कि कुछ छात्रों के साथ एनएसयूआई के छात्रों ने दुर्व्यवहार किया. बयान में कहा गया, "इसमें शामिल छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डूसू अध्यक्ष ने दिया ये जवाब

डूसू अध्यक्ष रोनक खत्री, जोकि एनएसयूआई से जुड़े हुए हैं, उन्होंने जवाब दिया कि निजी अतिथि को आमंत्रित करने के लिए छात्र संगठन को अनुमति लेने का कोई नियम नहीं है, खासकर जब यह सार्वजनिक सभा या कैंपस सुरक्षा का उल्लंघन न करता हो. उन्होंने कहा, "यह यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से और केवल डूसू कार्यालय के परिसर में हुई, जहां मुझे किसी भी अतिथि को आमंत्रित करने का पूरा अधिकार है." खत्री ने विश्वविद्यालय के बयान को "तथ्यात्मक रूप से गलत" और "प्रशासनिक अतिरेक" का सुझाव देने वाला बताया.

एबीवीपी ने की जमकर आलोचना

आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी राहुल गांधी की यात्रा की निंदा की. इसे "फोटो-ऑप" और "खराब नाटक" करार देते हुए, एबीवीपी ने दावा किया कि उनके प्रतिनिधियों को इस सत्र से बाहर रखा गया.