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Dalai Lama 90th Birthday: 'चीन को चुनौती देता रहूंगा', 90 साल के हुए दलाई लामा, जन्मदिन पर खाई ये कसम

90 साल की उम्र में भी दलाई लामा पूरी दुनिया को संदेश दे रहे हैं-धर्म, शांति और आज़ादी की लड़ाई जारी है. उनका यह पुनर्जन्म वाला ऐलान न सिर्फ उनके अनुयायियों के लिए उम्मीद है, बल्कि चीन के लिए खुली चुनौती भी.

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Edited By: Reepu Kumari
Dalai Lama 90th Birthday
Courtesy: Pinterest

Dalai Lama 90th Birthday: तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे बड़े गुरु दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन के मौके पर एक ऐसा ऐलान कर दिया, जिसने दुनियाभर में हलचल मचा दी. बुधवार को उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी मृत्यु के बाद भी वह धर्म के नेता के रूप में पुनर्जन्म लेंगे. इससे उनके अनुयायियों की चिंता तो दूर हो गई, लेकिन चीन की भौंहें तन गई हैं.

धर्मशाला में चल रहे हफ्ते भर के जन्मदिन समारोह में दलाई लामा ने यह भी कहा कि उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार सिर्फ उनके गैर-लाभकारी संगठन गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास रहेगा. यानी चीन की दखलअंदाजी को साफ तौर पर नकार दिया गया है.

शांतिपूर्ण नेता, जिनसे डरता है चीन

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा को पूरी दुनिया एक शांति के प्रतीक के रूप में देखती है. लेकिन चीन उन्हें राजनीतिक चुनौती मानता है. 1959 में तिब्बत से निर्वासन के बाद वे भारत आ गए थे और तभी से धर्मशाला में रह रहे हैं. दलाई लामा तिब्बती लोगों की स्वतंत्र पहचान और धार्मिक आज़ादी के लिए शांतिपूर्ण ‘मध्यम मार्ग’ की वकालत करते रहे हैं.

जन्मदिन समारोह में उमड़े अनुयायी

उनके 90वें जन्मदिन पर धर्मशाला में खास जश्न देखने को मिला. देश-विदेश से हजारों अनुयायी, बॉलीवुड और हॉलीवुड सितारे, भारतीय मंत्री और अमेरिकी अधिकारी पहुंचे. खास बात यह रही कि हॉलीवुड एक्टर रिचर्ड गेरे भी इस समारोह में मौजूद रहे, जो लंबे समय से दलाई लामा के अनुयायी हैं.

चीन बनाम अमेरिका: फिर बढ़ी तकरार

जहां चीन ने दोहराया कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को उसकी मंजूरी जरूरी होगी, वहीं अमेरिका ने बीजिंग को साफ चेतावनी दी है कि वह तिब्बती धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करे. अमेरिका ने दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर किसी भी बाहरी दबाव को खारिज किया है.

90 साल की उम्र में भी दलाई लामा पूरी दुनिया को संदेश दे रहे हैं-धर्म, शांति और आज़ादी की लड़ाई जारी है. उनका यह पुनर्जन्म वाला ऐलान न सिर्फ उनके अनुयायियों के लिए उम्मीद है, बल्कि चीन के लिए खुली चुनौती भी.