आइजोल में कुदरत का कहर, ढही पत्थर की खदान, कई मौतें, रुला देगा तबाही का मंजर
साइक्लोन रेमल की वजह से कई राज्यों में भीषण तबाही मची है. पश्चिम बंगाल से लेकर असम तक इसका असर देखने को मिला है. आइजोल में पत्थर की खादान ऐसे फिसली की बड़ी तबाही मच गई. कुछ लोगों को बचा लिया गया तो कुछ लोग जान गंवा बैठे.
चक्रवाती तूफान रेमल ने भारत में भी कई जिंदगियां निगल लीं. पश्चिम बंगाल से लकेर मिजोरम तक, इस तूफान की वजह से बड़ी तबाही मची है. मिजोरम के आइजोल में इस चक्रवात की वह से इतनी तेज हवाएं चली और बारिश हुई कि एक पथरीली खदान के भूस्खलन से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोग लापता हैं. पथरीली जमीन, लगातार बारिश की वजह से धंस गई.
खादान से किसी तरह एक बच्चे को बाहर निकाला जा सका है लेकिन अभी कुछ और लोग फंसे हो सकते हैं. बचाव टीम लोगों को बचाने के लिए अभियान चला रही है. बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन भी जटिल हो रहा है. जिन लोगों ने हादसे में जान गंवाई है उनमें से ज्यादातर मिजो समुदाय के नहीं हैं. भूस्खलन की वजह से आसपास के कई घर भी प्रभावित हुए हैं.
मिजोरम की त्रासदी पर मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मिजोरम के मुख्यमंत्री ने मिजोरम त्रासदी से निपटने के लिए 15 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. जिन्होंने अपने परिजन गंवाए हैं उन्हें 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
मिजोरम में कई जगह मची तबाही
भूस्खलन के अलावा राज्य में कई जगहों पर तबाही मची है. भूस्खलन की वजह से लेंगपुई एयरपोर्ट की राह बाधित हो गई है, वहीं पूरे इलाके में ट्रांसपोर्टेशन बाधित हुआ है. यहां कई घर उजड़े हैं. लगातार बारिश की वजह से लोगों का जनजीवन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. कई लोगों के पालतू जानवर बह गए हैं.
रेमव की वजह से कई मौतें
चक्रवाती तूफान रेमल की वजह से बांग्लादेश में और पश्चिम बंगाल में कई मौतें हुई हैं. तूफान ने तटीय हिस्से में 26 मई की रात को दस्तक दी थी, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में तेज हवाएं चली थीं. देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बारिस और तूफान इसी वजह से आया है. एनडीआरएफ की कई टीमें पूरे इलाके में तैनात करनी पड़ीं, वहीं हजारों को लोगों को विस्थापित होना पड़ा. इस तूफान की वजह से हजारों घर उजड़ गए हैं.