बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने खेला बड़ा दांव, महात्मा गांधी के नाम पर नई रोजगार योजना का किया ऐलान, केंद्र को लपेटा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में रोजगार गारंटी योजना 'कर्मश्री' का ऐलान किया है. इस योजना का नाम महात्मा गांधी के सम्मान में रखा जाएगा.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में रोजगार गारंटी योजना 'कर्मश्री' का ऐलान किया है. इस योजना का नाम महात्मा गांधी के सम्मान में रखा जाएगा. CM ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार राष्ट्रपिता को सम्मान नहीं दे सकती, तो पश्चिम बंगाल सरकार यह सम्मान जरूर देगी.
मनरेगा योजना का नाम बदलने का विरोध
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना कर दिया है, जिसको लेकर विपक्षी दल लगातार आलोचना कर रहे हैं. CM ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि कुछ लोग जानबूझकर बंगाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उन्हें यह नहीं पता कि राज्य में कितना विकास हो चुका है.
'बंगाल देश के प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्रों में शामिल'
उन्होंने बताया कि आज बंगाल देश के प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्रों में शामिल है और यह दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी भारत और उत्तर-पूर्वी राज्यों को जोड़ने वाला अहम प्रवेश द्वार बन चुका है. इसके साथ ही बंगाल झारखंड, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों से भी जुड़ा हुआ है.
भाजपा पर साधा निशाना
CM ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल एक शांतिपूर्ण राज्य है और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नकारात्मक बातें पूरी तरह झूठी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए गलत वीडियो और भ्रामक जानकारी फैलाकर राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने साफ कहा कि वह ऐसे लोगों को चुनौती देती हैं और कोई भी बंगाल को नुकसान नहीं पहुंचा सकता.
मनरेगा योजना को लेकर राजनीति तेज
आपको बता दें कि मनरेगा योजना का नाम बदलने को लेकर राजनीति तेज हो गई. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर बना हुआ है. विपक्षी दल इसे महात्मा गांधी के अपनाम से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है.
विपक्ष का तीखा विरोध
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने इसे गांधी की विरासत को कमजोर करने वाला कदम बताया. उन्होंने कहा कि कानून का नाम बदलना रामराज्य की भावना के विपरीत है. कांग्रेस सांसद जय प्रकाश ने इसे 'गरीब-विरोधी' करार देते हुए आरोप लगाया कि इससे राज्यों पर नया वित्तीय बोझ पड़ेगा और ग्राम सभाओं की भूमिका कमजोर होगी.
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