menu-icon
India Daily

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ केस दर्ज, कैंटीन कर्मचारी को पीटने का वीडियो हुआ था वायरल

गायकवाड़ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कथित तौर पर खराब व बासी खाना परोसे जाने को लेकर विधायक हॉस्टल में कैंटीन कर्मचारी को पीटते नजर आ रहे थे.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Case filed against Shiv Sena MLA Sanjay Gaikwad for assaulting a canteen employee

मुंबई के चर्चगेट स्थित विधायक छात्रावास में कैंटीन कर्मचारी पर हमला और धमकी देने के आरोप में शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ गैर-संज्ञेय (NC) मामला दर्ज किया गया है. मरीन ड्राइव पुलिस ने बिना किसी औपचारिक शिकायत के स्वतः कार्रवाई शुरू की है. यह घटना उस वायरल वीडियो के बाद सामने आई, जिसमें गायकवाड़ को कैंटीन में खराब और बासी भोजन की शिकायतों को लेकर कर्मचारी पर हमला करते देखा गया. यह वीडियो इस सप्ताह की शुरुआत में वायरल हुआ, जिसने राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान व्यापक आलोचना और राजनीतिक हंगामा खड़ा किया.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने दिया था कार्रवाई का भरोसा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “शिकायत दर्ज करना अनिवार्य नहीं है; पुलिस को जांच करने और कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है.” उनकी यह टिप्पणी गृह राज्य मंत्री के उस बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कानूनी कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत आवश्यक है. फडणवीस के बयान ने स्पष्ट किया कि पुलिस इस मामले में स्वतंत्र रूप से कदम उठा सकती है. 

कैंटीन का लाइसेंस निलंबित

इस घटना के बाद प्रशासनिक कार्रवाई भी तेज हो गई है. महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने विधायक छात्रावास की कैंटीन संचालित करने वाली अजंता कैटरर्स का लाइसेंस निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के उल्लंघन के आधार पर की गई. मंगलवार को एक आकस्मिक निरीक्षण के दौरान एफडीए अधिकारियों ने कैंटीन से दाल, पनीर, सेजवान चटनी और दोबारा इस्तेमाल किए गए तेल के नमूने एकत्र किए. अजंता कैटरर्स को तत्काल संचालन रोकने के निर्देश दिए गए हैं, और जांच के परिणाम अगले दो सप्ताह में आने की उम्मीद है.

गायकवाड़ ने किया था खराब खाना परोसे जाने का दावा

गायकवाड़ ने दावा किया कि उनका गुस्सा कई विधायकों को परोसे गए खराब भोजन की गुणवत्ता के कारण था. हालांकि, उनकी हिंसक प्रतिक्रिया की तीखी आलोचना हो रही है. हमले का शिकार कर्मचारी को उसके गृहनगर भेज दिया गया है, और कैटरर ने कहा कि इस तरह के मामलों से निपटने की जिम्मेदारी आंतरिक विधायी समितियों की है.