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India Daily

कैबिनेट ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया, रिजिजू बोले- उन दिनों के अत्याचारों को उजागर करने के लिए लाया गया प्रस्ताव

रिजिजू ने कहा कि यह निर्णय आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर लिया गया ताकि उस दौरान हुए अत्याचारों को उजागर किया जाए और यह ‘काला दिन’ दोबारा न आए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Cabinet has declared June 25 as Samvidhan Hatya Diwas Kiren Rijiju

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया है. यह निर्णय आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर लिया गया ताकि उस दौरान हुए अत्याचारों को उजागर किया जाए और यह ‘काला दिन’ दोबारा न आए. रिजिजू ने शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वह लोकतंत्र की रक्षा करे.” 

आपातकाल की स्मृति और कांग्रेस पर निशाना

रिजिजू ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिन लोगों ने संविधान की “हत्या” की, वे अब उसकी प्रति लहरा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 25 जून, 1975 की रात को आपातकाल लागू किया गया था, जब विपक्षी नेताओं और मीडिया को दबाया गया, और नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए गए. हिमाचल प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आए रिजिजू ने ‘अघोषित आपातकाल’ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे आरोप लगाने वाले सुबह से रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसते हैं. उन्होंने कहा, “भारत एकमात्र देश है जहां लोगों को इतनी स्वतंत्रता है.”

मणिपुर के हालातों पर क्या बोले

मणिपुर के हालात पर बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से जातीय संघर्षों के कारण राज्य प्रभावित है. हालांकि, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों से स्थिति पटरी पर लौट रही है. हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के केंद्र से वित्तीय सहायता न मिलने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. रिजिजू ने आगे कहा, “विकास हर जगह दिख रहा है- हर गांव तक सड़कें, हर घर में बिजली और पानी पहुंचा है,”

संविधान हत्या दिवस का महत्व

‘संविधान हत्या दिवस’ का उद्देश्य आपातकाल के काले अध्याय को याद रखना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है. यह निर्णय लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.