Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 23 जुलाई को संसद में मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने रक्षा, दूरसंचार, पर्यटन, एमएसएमई, खनन, स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न उद्योगों से संबंधित कई घोषणाएं कीं. इस दौरान ऑटो इंडस्ट्री को इस बजट से अहम घोषणाओं की उम्मीद थी लेकिन सरकार ने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. हालांकि इस बीच सरकार थोड़ी राहत जरूर दी है. इस बजट में वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण खनिजों पर एक नीति प्रस्तावित की. इस नीति में रेयर मैटल्स पर सीमा शुल्क में छूट देने की बात कही गई है. कहा जा रहा है इस नीति के तहत भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती बनाने में मदद मिलेगी.
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्व जैसे खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं. वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रस्ताव दिया कि 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी. इससे ऐसे खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.इसके अलावा उन्होंने कहा कि 25 आवश्यक खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह से छूट देने और 2 खनिजों पर मूल सीमा शुल्क (BCD) को कम करने का प्रस्ताव किया गया है.
लिथियम एक ऐसा खनिज है जो इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने वाली बैटरी बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है. बजट 2024 में लिथियम पर सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. अब तक इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें ज्यादा रही हैं, जिसमें लिथियम-आयन बैटरी सेल की कीमत अधिक है. केंद्रीय खान मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 2022-23 में भारत ने लगभग 700 करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 टन से अधिक लिथियम का आयात किया.
सीमा शुल्क में राहत देने से आयात सस्ता होगा जिससे आयात बढ़ेगा. हालांकि हाल ही में घोषित सीमा शुल्क छूट और लिथियम की गिरती कीमतों का मतलब यह हो सकता है कि ईवी निर्माता कम लागत पर खनिज आयात करने में सक्षम होंगे. भारत में हाल ही में खोजे गए लिथियम भंडार से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में अतिरिक्त सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है.