मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए, महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने मुंबई नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर समाधान तलाशने का निर्देश दिया है. उन्होंने पक्षी प्रेमियों, साधु-संतों और नागरिकों की भावनाओं को ध्यान में रखने की बात कही.
दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने पर बैन लगा दिया है. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थलों और विरासत स्थलों पर कबूतरों को दाना डालने पर सख्त कार्रवाई की जाए और जरूरत पड़ने पर FIR दर्ज की जाए. कोर्ट ने कबूतरों की बढ़ती संख्या और इनसे होने वाली परेशानी को देखते हुए यह आदेश दिया.
मानवीय दृष्टिकोण की जरूरत
लोढ़ा ने हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि नगर निगम को इस मुद्दे पर संतुलित और मध्यमार्गी समाधान खोजना चाहिए. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “खाद्य की कमी के कारण सड़कों पर कबूतर मर रहे हैं, जिससे एक नई सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा हो रही है.” उन्होंने उम्मीद जताई कि नगर निगम इस मामले में व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगा.
सुझाए गए उपाय
मंत्री ने बीकेसी, रेसकोर्स, आरे कॉलोनी और संजय गांधी नेशनल पार्क जैसे खुले स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने की वैकल्पिक व्यवस्था का सुझाव दिया है, जो सुरक्षित और नियंत्रित फीडिंग जोन हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि लंबे समय से चली आ रही धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करते हुए निर्णय लिए जाएं. सार्वजनिक स्वास्थ्य और पशुओं के प्रति करुणा दोनों को ध्यान में रखकर एक संतुलित मध्यमार्ग खोजा जाए.
नगर निगम की जिम्मेदारी
लोढ़ा ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक प्राधिकरण के रूप में, नगर निगम से अपेक्षा की जाती है कि वह इस मुद्दे को मानवीय और संवेदनशील दृष्टिकोण से हल करे. उन्होंने जोर दिया कि पक्षियों के प्रति करुणा और नागरिकों की स्वास्थ्य चिंताओं के बीच संतुलन बनाना जरूरी है.