इंडिगो विमान में पक्षी टकराव, पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा, सभी 118 यात्री सुरक्षित
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, पक्षी टकराव की सूचना मिलते ही पायलट ने सभी मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया. उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को तत्काल स्थिति से अवगत कराया और आपातकालीन प्रक्रियाओं के तहत लैंडिंग की तैयारी की.
हैदराबाद: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (शमशाबाद) जा रही इंडिगो की एक उड़ान सोमवार को पक्षी से टकरा गई. यह घटना उड़ान के दौरान हुई, लेकिन अनुभवी पायलट ने तुरंत सही निर्णय लेकर विमान को सुरक्षित रूप से हैदराबाद एयरपोर्ट पर उतार लिया. विमान में सवार सभी 118 यात्री और क्रू मेंबर पूरी तरह सुरक्षित हैं.
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, पक्षी टकराव की सूचना मिलते ही पायलट ने सभी मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया. उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को तत्काल स्थिति से अवगत कराया और आपातकालीन प्रक्रियाओं के तहत लैंडिंग की तैयारी की. लैंडिंग के बाद विमान की गहन तकनीकी जांच की गई, जिसमें इंजन और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया. जांच में किसी गंभीर क्षति की पुष्टि नहीं हुई, जिससे यात्रियों को राहत मिली.
ऐसी घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं
पक्षी टकराव (बर्ड स्ट्राइक) विमानन क्षेत्र में एक सामान्य लेकिन गंभीर चुनौती है. भारत में एयरपोर्ट्स के आसपास पक्षियों की बढ़ती संख्या के कारण ऐसी घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, उड़ान भरते या उतरते समय कम ऊंचाई पर यह खतरा अधिक होता है. हालांकि, आधुनिक विमानों को ऐसे टकरावों को झेलने के लिए डिजाइन किया जाता है और पायलटों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है.
यह घटना हाल की ही एक अन्य घटना की याद दिलाती है. अक्टूबर महीने में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से चेन्नई जा रही एयर इंडिया की उड़ान में भी पक्षी टकराव हुआ था. उस विमान में 158 यात्री सवार थे और लैंडिंग के करीब पहुंचते समय यह हादसा हुआ. जांच में पक्षी के अवशेष मिले, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित उतर गए. किसी को चोट नहीं आई और विमान को आगे की उड़ान के लिए रोककर पूरी जांच की गई.
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) एयरपोर्ट्स पर वाइल्डलाइफ हेजार्ड मैनेजमेंट प्लान लागू करता है. इसमें पक्षियों को भगाने के उपकरण, कचरा प्रबंधन और आसपास के क्षेत्र में पक्षी आकर्षित करने वाले कारकों को कम करना शामिल है. फिर भी, प्रकृति की अनिश्चितता के कारण पूर्ण रोकथाम मुश्किल है.