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बम की अफवाह फैलने बेंगलुरु के कई स्कूलों में लगा 'ताला', जानें गुजरात की महिला ने किससे बदला लेने के लिए रची साजिश?

गुजरात की 30 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर रेने जोशीदा को बेंगलुरु के कई स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, उसने यह सब बदले की भावना से किया था.

Grok- AI
Babli Rautela

गुजरात: बेंगलुरु पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने शहर के कई स्कूलों को बम धमकी के ईमेल भेजकर अभिभावकों और छात्रों में दहशत फैला दी थी. पुलिस के अनुसार, यह ईमेल गुजरात की 30 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर रेने जोशीदा ने भेजे थे. उसने जानबूझकर ऐसा किया ताकि उसका एक परिचित व्यक्ति फर्जी तरीके से इस अपराध में फंस जाए.

ईमेल भेजे जाने के बाद शहर में अफरातफरी मच गई थी. सुरक्षा कारणों से कई स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था और पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया था. हालांकि किसी भी स्कूल से कोई विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई.

बेंगलुरु के सात स्कूलों में फैली दहशत

बेंगलुरु पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने शहर के कई स्कूलों को बम धमकी के ईमेल भेजकर अभिभावकों और छात्रों में दहशत फैला दी थी. पुलिस के अनुसार, यह ईमेल गुजरात की 30 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर रेने जोशीदा ने भेजे थे. उसने जानबूझकर ऐसा किया ताकि उसका एक परिचित व्यक्ति फर्जी तरीके से इस अपराध में फंस जाए.

ईमेल भेजे जाने के बाद शहर में अफरातफरी मच गई थी. सुरक्षा कारणों से कई स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था और पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया था. हालांकि किसी भी स्कूल से कोई विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई.

प्रेम प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद बनाई खतरनाक योजना

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी महिला रेने जोशीदा ने यह साजिश बदले की भावना से रची थी. उसका प्रेम प्रस्ताव एक व्यक्ति ने ठुकरा दिया था, जिसके बाद उसने उसे फंसाने की साजिश की. उसने सोचा कि बेंगलुरु के स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल भेजने से जब जांच होगी, तो डिजिटल ट्रेस उसी व्यक्ति तक जाएगा और वह मुसीबत में फंस जाएगा.

रेने ने अपनी पहचान छिपाने के लिए कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया. पुलिस ने बताया कि उसने अपनी लोकेशन को छिपाने के लिए वीपीएन (Virtual Private Network) का उपयोग किया. इसके अलावा, फर्जी मोबाइल नंबर बनाने के लिए उसने 'Get Code' नामक मोबाइल एप्लिकेशन का सहारा लिया, जिसके जरिए उसने कई नकली ऑनलाइन अकाउंट बनाए.