कोलकाता: बिहार के बाद अब बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची को सुधारने और फर्जी नाम हटाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा यह अभियान पश्चिम बंगाल पहुंचते ही राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है. बीजेपी इस प्रक्रिया का समर्थन कर रही है जबकि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस इसे जनता के लिए परेशानी और अव्यवस्था बताकर विरोध कर रही हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने SIR को एक सोची-समझी साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि SIR के नाम पर देशभर में अव्यवस्था फैली हुई है और तीन हफ्तों में 16 बूथ लेवल अधिकारियों की मौत हो चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन मौतों को सिस्टम की नाकामी नहीं बल्कि एक त्याग की तरह दिखाया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपने बयान में कहा कि BLOs की मौतों का वास्तविक आंकड़ा कहीं अधिक है.
ममता बनर्जी ने भी इस प्रक्रिया पर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि SIR अव्यवस्थित, जल्दबाजी और खतरनाक तरीके से चलाया जा रहा है. ममता ने कहा कि प्रशिक्षण की कमी, दस्तावेजों को लेकर भ्रम और लोगों के कार्य समय के चलते BLOs मतदाताओं से ठीक से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. इसके चलते कई BLO तनाव में आकर बीमार हो रहे हैं.
Sharing herewith my latest letter to the Chief Election Commissioner, articulating my serious concerns in respect of the ongoing SIR.... pic.twitter.com/7cbOOQl7Ax
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 21, 2025Also Read
तृणमूल कांग्रेस आज इस मुद्दे पर अपनी आंतरिक बैठक कर रही है जिसका नेतृत्व अभिषेक बनर्जी करेंगे. टीएमसी ने आरोप लगाया है कि नदिया जिले के कल्याणी में लगाए गए उनके SIR सहायता शिविर को बीजेपी समर्थकों ने तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया है. पार्टी ने इसका वीडियो भी साझा किया है और पुलिस जांच शुरू कर दी गई है. इसी बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी एक BLO की आत्महत्या की घटना पर बयान दिया है और कहा है कि इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए.
बीजेपी ने ममता बनर्जी पर तीखा पलटवार किया है. बीजेपी नेता राम कदम ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी इस प्रक्रिया का विरोध इसलिए कर रही हैं क्योंकि उन्हें डर है कि मतदाता सूची से अवैध घुसपैठियों के नाम हट जाएंगे. बीजेपी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे.