Active volcano In India: भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरन द्वीप फिर गरजा है. 13 और 20 सितंबर को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के इस निर्जन द्वीप पर दो हल्के विस्फोट हुए. इन विस्फोटों में धुआं, लावा और राख निकली. यह द्वीप पोर्ट ब्लेयर से लगभग 140 किलोमीटर दूर है. भारतीय नौसेना ने 20 सितंबर के विस्फोट का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें लावा बहता दिखाई दिया. अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल आसपास के इलाकों में किसी प्रकार का खतरा नहीं है, लेकिन निगरानी जारी है.
बैरन द्वीप एक छोटा ज्वालामुखीय द्वीप है, जो पूरी तरह से ज्वालामुखी से बना है. यहां कोई मानव निवासी नहीं है, केवल जंगली जानवर और पक्षी रहते हैं. यह भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी है, जो बंगाल की खाड़ी के नीचे टेक्टॉनिक प्लेट्स के टकराव के कारण बना. द्वीप की ऊंचाई समुद्र तल से 354m है. वैज्ञानिकों के लिए यह रिसर्च का महत्वपूर्ण केंद्र है.
🚨India's only active volcano 'Barren Island' stirs again;saw mild eruptions twice last week. pic.twitter.com/HpwsxwFfgI
— Indian Infra Report (@Indianinfoguide) September 23, 2025Also Read
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हाल के विस्फोट 'स्ट्रॉम्बोलियन' प्रकार के थे, जो हल्के लेकिन लगातार होते हैं. जुलाई 2025 में भी द्वीप पर गतिविधि देखी गई थी. डार्विन वोल्कैनो एंड एश एडवाइजरी सेंटर ने 30 जुलाई से 5 अगस्त तक राख के गुबार देखे थे. इन विस्फोटों का हवाई यात्रा या आसपास के द्वीपों पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ा.
बैरन द्वीप का ज्वालामुखीय इतिहास भी दिलचस्प है. पहली बार 1789 में रिकॉर्ड किया गया. 1991 में एक बड़ा विस्फोट हुआ था, और 2017-2018 में भी सक्रिय रहा. यह ज्वालामुखी 'सबडक्शन जोन' में स्थित है, जहां इंडियन प्लेट बर्मा प्लेट के नीचे धंसती है. इससे मैग्मा ऊपर आता है और विस्फोट होते हैं. हालांकि वर्तमान विस्फोट हल्के हैं, लेकिन लंबे समय में राख समुद्री जीवन, मछलियों और कोरल रीफ्स को प्रभावित कर सकती है.
भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और नौसेना लगातार निगरानी कर रहे हैं. यदि विस्फोट तेज हुए, तो चेतावनी जारी की जाएगी. बैरन द्वीप भारत के लिए विशेष महत्व रखता है. यहां ज्वालामुखी कम हैं, इसलिए वैज्ञानिक पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों को समझने के लिए इसे अध्ययन करते हैं. द्वीप का नाम 'बैरन' अंग्रेजी में बंजर या निर्जन से लिया गया है. ये विस्फोट पृथ्वी की जीवंत शक्ति का प्रतीक हैं और याद दिलाते हैं कि प्रकृति हमेशा सक्रिय रहती है.