जनसमर्थन, जश्न और विवाद... बदलापुर में बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी के एनकाउंटर पर क्यों छिड़ी रार?
Akshay Shinde Encounter Controversy: ठाणे के बदलापुर में चार साल की दो बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रार छिड़ गई है. आरोपी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद एक तरफ लोगों का सरकार और पुलिस को जन समर्थन मिल रहा है, तो वहीं विपक्ष ने इस कार्रवाई को लेकर सरकार और पुलिस को निशाने पर लिया है.
Akshay Shinde Encounter Controversy: महाराष्ट्र के बदलारपुर में एक स्कूल में साफ सफाई करने वाले कर्मचारी ने स्कूल के वॉशरूम में चार साल की दो बच्चियों से अनुचित व्यवहार किया. घटना के बाद काफी बवाल हुआ. मामले के मुख्य आरोपी स्कूल में साफ सफाई करने वाले अक्षय शिंदे की गिरफ्तारी और उसे सजा दिए जाने की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर गए. सड़कों पर उतरे लोगों ने दोनों बच्चियों के लिए न्याय की मांग को लेकर सामूहिक आवाज उठाई.
पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे को धर दबोचा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब आरोपी को पेशी के लिए ले जाया जा रहा था, तब उसने पुलिस पर रिवॉल्वर तान दिया और फायरिंग कर दी. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अक्षय शिंदे को एनकाउंटर में मार गिराया. घटना के बाद महाराष्ट्र में और सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं.
पुलिस की कार्रवाई के लिए दिखा जनसमर्थन
अक्षय शिंदे को एनकाउंटर में मार गिराए जाने की घटना के बाद महाराष्ट्र के लोगों ने पुलिसिया कार्रवाई का समर्थन किया. एनकाउंटर में बच्चियों से अनुचित व्यवहार के 'दोषी' के खात्मे पर जश्न भी मनाया. बदलापुर के लोगों ने पटाखे फोड़े, मिठाईयां भी बांटी. सोशल मीडिया पर भी बदलापुर पुलिस की सराहना की गई.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, मनसे चीफ राज ठाकरे समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने पुलिसिया कार्रवाई की सराहना की. राजनीतिक नेताओं की सराहना, पुलिसिया कार्रवाई को लोगों के समर्थन से संदेश गया कि बदलापुर कांड में बच्चियों को न्याय मिला है. कुछ लोगों ने पुलिसिया कार्रवाई की तुलना 'ईश्वर के न्याय' से भी की.
पुलिसिया कार्रवाई के बीच विवाद ने भी लिया जन्म
बदलापुर कांड के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों की ओर से बदलापुर रेलवे स्टेशन पर भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था. विरोध प्रदर्शन करने वालों ने आरोपी अक्षय शिंदे के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग भी की थी. स्थानीय लोगों के अलावा, त्वरित कार्रवाई के पक्ष में उतरने वालों में सुषमा अंधारे, उद्धव ठाकरे गुट, शरद पवार गुट और कांग्रेस के नेता भी शामिल थे, जिन्होंने बिना देरी बच्चियों को न्याय दिलाने की मांग की थी.
हालांकि, अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बीच अचानक विवाद ने जन्म ले लिया. महाराष्ट्र में विपक्षी दलों में शामिल महाविकास अघाड़ी यानी MVA गठबंधन के नेताओं ने एनकाउंटर की आलोचना शुरू कर दी. उन्होंने कुछ लोगों पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए घटना का फायदा उठाने का आरोप लगाया. तर्क दिया कि पुलिस की ओर से की गई त्वरित न्याय और उस पर जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया, मामले की गहन जांच और कानूनी प्रक्रिया पर विचार करने से बच गई.
जयंत पाटिल, जितेंद्र आह्वाड, अनिल देशमुख और अमोल कोल्हे जैसे लोगों ने पुलिस की ओर से फैलाई गई कहानी पर चिंता जताई और गृह मंत्रालय की ओऱ से मामले को संभालने के तरीके पर सवाल उठाए. कई सोशल यूजर्स ने आरोप कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे का विपक्ष राजनीतिकरण कर रहा है.
आखिर में बदलापुर में अक्षय शिंदे से जुड़ी घटना ने महाराष्ट्र में न्याय, पुलिस के काम करने के तरीकों और राजनीतिक भागीदारी के बारे में एक जटिल संवाद को जन्म दे दिया है. कई लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया, तो वहीं कई लोगों ने इस घटना को राजनीति से जोड़ने को गलत बताया. कई लोगों ने तो शिंदे के एनकाउंटर की जांच की मांग भी की है.