Kunal Kamra Controversy Post: 'लोकतांत्रिक तरीके से कलाकारों की हत्या', कुणाल कामरा के विवादित पोस्ट से मचा बवाल

Kunal Kamra Controversy: कुणाल कामरा एक बार फिर चर्चा में हैं. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर उनकी विवादित टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है, जो उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया.

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Ritu Sharma

Kunal Kamra: कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए मज़ाक के बाद पुलिस कार्रवाई और विरोध को लेकर व्यंग्यात्मक पोस्ट साझा की है.

बता दें कि 23 मार्च को मुंबई में आयोजित 'नया भारत' शो के दौरान कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र की राजनीति और एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया था. शो के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने द हैबिटेट वेन्यू में तोड़फोड़ की और कुणाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

इसके जवाब में कुणाल ने माफी से इनकार करते हुए कहा, ''मैं माफी नहीं मांगूंगा. मैंने वही कहा जो अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के बारे में कहा था. मैं इस भीड़ से नहीं डरता और बिस्तर के नीचे छिपकर इस विवाद के शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा.''

कामरा की सटीरिकाल 'गाइड'

वहीं 1 अप्रैल को कुणाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने कलाकारों को चुप कराने के 'लोकतांत्रिक तरीके' पर व्यंग्यात्मक 'चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका' साझा की.

इस गाइड में लिखा था -

  • फर्स्ट स्टेप- इतना आक्रोश पैदा करें कि ब्रांड उनके साथ काम करना बंद कर दें.
  • दूसरा स्टेप- जब तक निजी और कॉर्पोरेट कार्यक्रम रद्द न हो जाएं, तब तक और आक्रोश फैलाएं.
  • थर्ड स्टेप- बड़े वेन्यू उन पर बैन लगा दें.
  • फोर्थ स्टेप- छोटे वेन्यू भी बंद हो जाएं.
  • फ़ीवएथ स्टेप- उनके दर्शकों को सवाल पूछने पर मजबूर करें, जिससे कला अपराध स्थल बन जाए.

पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा, ''अब कलाकार के पास दो ही रास्ते बचते हैं - या तो अपनी आत्मा बेचकर सिस्टम की कठपुतली बन जाए या फिर चुपचाप गायब हो जाए.''

पुलिस कार्रवाई और कुणाल की प्रतिक्रिया

मुंबई पुलिस ने कुणाल को दो बार समन भेजा और उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया. हालांकि, मद्रास हाईकोर्ट से मिली 7 अप्रैल तक अंतरिम जमानत के चलते फिलहाल वे इससे बच गए हैं.

पुलिस की कार्रवाई पर तंज कसते हुए कुणाल ने लिखा, ''पिछले 10 साल से जिस पते पर नहीं रहता, वहां पुलिस को भेजना, सिर्फ समय और सरकारी संसाधनों की बर्बादी है.''