मणिपुर हिंसा से जम्मू-कश्मीर में चुनाव... राहुल गांधी की सजा से सांसदों के निलंबन तक... क्या-क्या बोले अमित शाह?

Amit Shah Over Congress: केंद्रीय गृह मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा है कि राहुल गांधी के पार्टी में आने के बाद कांग्रेस का व्यवहार बदल गया है, उसके बाद राजनीति का स्तर भी गिर गया है.

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India Daily Live

Amit Shah Over Congress: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कांग्रेस के व्यवहार को लेकर पार्टी पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को भी निशाना पर लिया. अमित शाह ने कहा कि गांधी परिवार के वारिस (राहुल गांधी) के आने के बाद से कांग्रेस पार्टी बदल गई है और राजनीति का स्तर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में अमित शाह ने राहुल गांधी के लिए ये बातें कही. उनसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कड़वाहट के बारे में पूछा गया था. उन्होंने संसद सत्र के दौरान अनुपस्थिति की भी आलोचना की. अमित शाह ने कहा कि संसद में चर्चा का अभाव है. सभी विवादास्पद कानून या मुद्दों पर, चाहे वह अनुच्छेद 370 हो, सीएए हो, मैंने उठाए गए हर सवाल का जवाब दिया है, बहस में शामिल हुआ हूं, लेकिन मुझे दुख होता है कि विपक्ष की ओर से कोई चर्चा नहीं होती है, संसद के साथ इतना लापरवाही भरा व्यवहार किया जाता है. 

अमित शाह बोले- मैंने कभी ऐसा नहीं देखा

भाजपा के सीनियर नेता ने पिछले 20 सालों में कांग्रेस की ओर से बहिष्कार के रूप में किए गए व्यवधानों की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि मैंने पहले कभी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री के जवाब को लगातार बाधित होते नहीं देखा, जो नरेंद्र मोदी के प्रति नहीं बल्कि संवैधानिक व्यवस्था के प्रति अनादर को दिखाता है.

अमित शाह ने कहा कि पिछले 20 सालों में संसद का बहिष्कार करने के कारणों पर गौर करें. वे (विपक्ष) संसद से बाहर निकलने के बहाने ढूंढ़ते हैं. पहले, ऐसी घटनाएं होती थीं, जिनके कारण बहिष्कार होता था और वह बहिष्कार भी कुछ दिनों का होता था. मैंने कभी नहीं देखा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दे रहे हों और आप लगातार डेढ़ घंटे तक उसे बाधित कर रहे हों. वे प्रधानमंत्री इसलिए हैं क्योंकि देश के लोगों ने उन्हें ये जनादेश दिया है, आप नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि संवैधानिक व्यवस्था का अपमान कर रहे हैं.

राहुल गांधी के प्रति लोगों की धारणा में आए स्पष्ट बदलाव पर उन्होंने कहा कि जो भी विचारशील है और गंभीरता से सोचता है, उसका देश स्वागत करने योग्य है. लेकिन, एक चुनावी भाषण के कारण कांग्रेस सांसद को संसद से अयोग्य ठहराए जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह एक अदालती प्रक्रिया है. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर अदालत उन्हें सज़ा देती है, तो क्या उन्हें विशेष सुविधा मिलनी चाहिए? जिस दिन अदालत ने सजा पर रोक लगाई, उसके अगले ही दिन वे संसद में वापस आ गए. ये कानून है, ये कानून वो लाए हैं, हम नहीं.

सांसदों के निलंबन पर क्या बोले अमित शाह?

उन्होंने कहा कि निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने संसद को चलने नहीं दिया. जब उनसे पूछा गया कि आपने कहा है कि भारत की जनता तय करेगी कि उन्हें किस तरह का विपक्ष चाहिए. इस पर अमित शाह ने कहा कि ये तो स्वाभाविक है, विपक्ष में कौन और कितने लोग होंगे, ये देश की जनता तय करेगी, ये हमारा संविधान कहता है.

आपने सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस मुक्त भारत की बात कही है क्या यह देश के लिए अच्छा है?

अमित शाह ने कहा कि जब भी मैं कांग्रेस मुक्त भारत कहता हूं, तो मैं विचारधारा के संदर्भ में कहता हूं. लेकिन अब वह (विचारधारा) भी (कांग्रेस में) नहीं रही. मजबूत विपक्ष के लिए विपक्ष कितना अच्छा है, इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हां, मैं इसे स्वीकार करता हूं, लेकिन इसका फैसला जनता करेगी. हम इसे बना नहीं सकते और यह इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि आप ऐसा चाहते हैं.

आप जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर कितने आश्वस्त हैं?

अमित शाह ने कहा कि ये भरोसे का सवाल नहीं है, मैंने संसद में कहा है कि चुनाव होंगे. सीईसी ने भी कहा है कि सितंबर में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे.

आपने जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण प्रगति की बात की, मणिपुर के बारे में क्या कहना है?

अमित शाह ने कहा कि मणिपुर की हिंसा न तो आतंकवाद है और न ही सांप्रदायिक, यह जातीय हिंसा है. इसे खत्म करने के लिए, रास्ता लंबा है क्योंकि दो समुदायों के बीच विश्वास को बहाल करना होगा. चुनावों के कारण, दोनों पक्षों, कुकी और मैतेई, से बयान आ रहे हैं जो इस प्रक्रिया को पटरी से उतार रहे हैं. इसलिए हम चुनावों के बाद इस पर बात करेंगे.

प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए था? वे क्यों नहीं गए?

अमित शाह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री का प्रतिनिधि हूं और वहां जो कुछ हो रहा है वह मेरे मंत्रालय के अंतर्गत आता है. प्रधानमंत्री लगातार इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.