Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहला जत्था रवाना, श्रद्धालुओं ने लगाए 'हर हर महादेव' के नारे; Video

श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत आज सुबह 5 बजे जम्मू से हुई, जब 3,500 से अधिक श्रद्धालु भगवती नगर शिविर से रवाना हुए. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई. अधिकतर यात्री बालटाल मार्ग से 3,880 मीटर ऊंची गुफा की ओर बढ़ रहे हैं.

Social Media
Princy Sharma

Amarnath Yatra 2025:  श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत आज बुधवार सुबह 5 बजे जम्मू से हो गई, जब पहले जत्थे में शामिल 3,500 से अधिक श्रद्धालु भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुए. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. भक्तों के जयकारों 'हर हर महादेव' और 'बम बम भोले' से जम्मू की फिजाएं भक्तिमय हो गईं.

यह पवित्र यात्रा भगवान शिव के पवित्र गुफा स्थल ‘अमरनाथ’ तक की होती है, जो दक्षिण कश्मीर के बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों के बीच 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस वर्ष यात्रा 38 दिनों तक चलेगी, जो दो रास्तों से की जा सकती है पारंपरिक 48 किमी लंबा पहलगाम-नुनवान मार्ग (अनंतनाग जिले से) और छोटा पर अधिक ढलानदार 14 किमी लंबा बालटाल मार्ग (गांदरबल जिले से). आज रवाना हुए अधिकांश श्रद्धालु बालटाल मार्ग से गुफा की ओर बढ़ रहे हैं.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद इस साल सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा कर दिया गया है. कुल 581 कंपनियों की केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा है. इनमें से 221 कंपनियां CRPF की हैं, जो जम्मू से बालटाल और पहलगाम तक के रूट को सुरक्षित कर रही हैं. बाकी 360 कंपनियां SSB, ITBP जैसी अन्य सुरक्षा एजेंसियों से हैं.

ITBP को विशेष रूप से अमरनाथ गुफा की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और विशेष दस्तों को पूरे रूट पर तैनात किया गया है. संवेदनशील इलाकों जैसे उधमपुर में हाईवे पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और K-9 डॉग स्क्वॉड को भी CRPF के साथ तैनात किया गया है ताकि किसी भी खतरे को समय रहते रोका जा सके.

रिकॉर्ड तोड़ रहा है श्रद्धालुओं का जोश

इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए 3.3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 4,000 श्रद्धालुओं को यत्रा टोकन काउंटर से मिल चुके हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या यात्रा की लोकप्रियता और लोगों की आस्था को दर्शाती है.