Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा मार्ग पर भरभराकर गिरा पहाड़, वीडियो में देखें कैसे कीचड़ भरे पानी में बह गए कई श्रद्धालु
जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में भारी बारिश और बालटाल मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा को गुरुवार को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया. इस प्राकृतिक आपदा में एक पत्थर गिरने से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई,
Amarnath Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में भारी बारिश और बालटाल मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा को गुरुवार को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया. इस प्राकृतिक आपदा में एक पत्थर गिरने से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग घायल हुए. यह पहली बार है जब इस साल 3 जुलाई को शुरू हुई पवित्र अमरनाथ यात्रा को जम्मू से रोकना पड़ा है.
बालटाल मार्ग पर हुए भूस्खलन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सैकड़ों तीर्थयात्री कीचड़ और मलबे के बीच फंसे नजर आ रहे हैं. वीडियो में दो श्रद्धालु कीचड़ भरे बहाव में बहते दिखाई दिए, जिन्हें अन्य तीर्थयात्रियों ने तुरंत बचाया. कई लोग अपनी जान बचाने के लिए मार्ग पर लगी रेलिंग को कसकर पकड़े हुए थे. इस घटना ने यात्रा मार्ग की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बचाव और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं. इन टीमों ने फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भी क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक मरम्मत कार्य पूर्ण नहीं हो जाता, तब तक यात्रा को स्थगित रखा जाएगा.
अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्ग
अमरनाथ यात्रा दो प्रमुख मार्गों से होकर गुजरती है. पहला है अनंतनाग जिले का 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग, जो लंबा लेकिन अपेक्षाकृत आसान है. दूसरा है गंदेरबल जिले का 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग, जो छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला है. इस साल अब तक 2 लाख से अधिक तीर्थयात्री 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ मंदिर में दर्शन कर चुके हैं.
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यात्रा की सुरक्षा के लिए हजारों सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. यह सुरक्षा व्यवस्था विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद और सख्त की गई है, जिसमें पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी. यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होने वाली है, और प्रशासन का लक्ष्य सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.