हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर के जंगमबाग क्षेत्र में सोमवार शाम अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे आ गया. इस भूस्खलन की चपेट में दो आवासीय मकान आ गए, जिनमें पांच लोग दब गए. प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल मौके पर पहुंच चुके हैं और लगातार मलबा हटाने का काम जारी है. इस बीच, तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि दो लोग अब भी लापता हैं.
भूस्खलन इतना अचानक हुआ कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले पहाड़ से जोरदार गर्जना जैसी आवाजें आईं और देखते ही देखते मलबे का बड़ा ढेर नीचे गिर पड़ा, जिसने दो मकानों को अपनी चपेट में ले लिया. हादसे के बाद आसपास के लोग जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे और इलाके में अफरातफरी मच गई.
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) डॉ. मदन कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक तीन शव मलबे से निकाले जा चुके हैं. उन्होंने कहा 'दो लोग अभी भी लापता हैं और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है.' उन्होंने यह भी जोड़ा कि बचाव कार्य रात भर जारी रहेगा और किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी.
#WATCH | Mandi, Himachal Pradesh | Sundernagar MLA Rakesh Jamwal says, "A major landslide occurred in Sundernagar around 6 pm, in which two houses have been buried in the debris. There were five people in the two houses. Three bodies have been pulled out so far. Two people are… https://t.co/v1nGos2spn pic.twitter.com/jyn2WLNK8W
— ANI (@ANI) September 2, 2025
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) और स्थानीय पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद हैं. मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी और स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है. हालांकि, इलाके की ढलान लगातार खिसक रही है जिससे बचावकर्मियों की सुरक्षा पर भी खतरा बना हुआ है. इसके बावजूद टीमें लगातार काम कर रही हैं ताकि मलबे में दबे लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके.
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन स्वयं घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा 'फंसे हुए लोगों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. हमने सभी जरूरी संसाधन जुटा लिए हैं और बचावकर्मियों को लगातार सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.' प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्र से दूर रहें ताकि राहत कार्य में बाधा न आए.