Nepal Gen-Z Protests: आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा हिंसा ग्रस्त नेपाल में फंसे 150 से अधिक तेलुगू लोगों को बचाकर वापस लाया गया है. सत्ताधारी टीडीपी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कई विस्थापितों ने पत्रकारों के साथ शेयर किये गए वीडियो क्लिप में अपनी आपबीती सुनाई और दावा किया कि वे पोखरा के जिस होटल में ठहरे हुए थे उसमें आग लगा दी गई थी
रेस्क्यू कर लाए गए यात्रियों में से एक ने कहा कि पोखरा में हमारा होटल जला दिया गया था लेकिन आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने हमें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और घर वापस ले गए. एक अन्य शरणार्थी पी श्रीनिवास ने बताया कि जब अशांति फैली तो उनका 10 लोगों का ग्रुप पोखरा में फंस गया था. आंध्र सरकार ने हमें विशाखापत्तनम पहुंचने में मदद की.
मैंने इमारतों को जलते देखा
अपनी पत्नी और 81 अन्य लोगों के साथ वापस लौटे प्रभाकर रेड्डी ने कहा मैंने काठमांडू में लोगों को पत्थरबाजी करते और इमारतें जलते देखा, यह किसी बुरे सपने से भी बदतर था. आंध्र सरकार द्वारा निकाले गए लोगों में LIC के कर्मचारी भी थे जो एक नियोजित दौरे पर आए थे. पोखरा स्थित उनके होटल में कथित तौर पर आग लगने के बाद, उन्होंने सहायता पहुंचाने तक दूसरे होटल में शरण ली. उन्होंने बताया, 'हमें मदद पहुंचने तक वहीं रहने को कहा गया था.'
यात्रियों को लेकर विशाखापत्तनम उतरा विमान
टीडीपी सरकार ने एक प्रेस रिलीज में कहा, '154 यात्रियों को लेकर एक विमान गुरुवार देर रात विशाखापत्तनम में उतरा और उसके बाद तिरुपति के लिए रवाना हुआ जो राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर निकासी प्रयासों को दर्शाता है.' प्रेस रिलीज में आगे कहा गया कि नेपाल में फंसे तेलुगु लोगों को दोनों दिनों के लगातार बचाव प्रयासों के बाद इंडिगो की विशेष उड़ान से सुरक्षित रूप से घर वापस लाया गया है.
नेपाल से वापस लाए गए 154 लोगों में से 144 काठमांडू से और 10 पोखरा से थे. इसके अलावा 12 लोगों को सिमिकोट से नेपालगंज हवाई मार्ग से पहुंचाया गया. 22 अन्य लोग बिहार पहुंच गए. वहीं काठमांडू से आए विशेष विमान से 114 यात्रियों को विशाखापत्तनम में उतारा और 40 अन्य को तिरुपति पहुंचाया.
राज्य सरकार की हेल्पलाइन रही विफल
इसी बीच, कुरनूल जिले में फंसे 50 तेलुगु लोगों के एक समूह का नेतृ्त्व करने वाले पी सुब्रमण्यम ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई हेल्पलाइन विफल रही. उन्होंने कहा, 'अधिकारियों ने निकासी का कोई निश्चित आश्वासन नहीं दिया.' उन्होंने बताया कि ग्रुप में आधी महिलाएं थीं जिन्हें खाने की कमी और बढ़ती महंगाई का सामना करना पड़ा. सुब्रमण्यम ने आगे कहा कि वे सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं लेकिन जवाबदेही भी जरूरी है.