दोस्तों ने रोका, हाथ पकड़कर भी खींचा... 10वीं की छात्रा ने स्कूल में लगाई चौथी मंजिल से छलांग, मौत के बाद अहमदाबाद में हड़कंप
अहमदाबाद के नवरंगपुरा स्थित सोम ललित स्कूल में 10वीं की एक 16 वर्षीय छात्रा ने ब्रेक के दौरान चौथी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. उसके दोस्तों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह हाथ छुड़ाकर कूद गई. सिर में गंभीर चोट और मस्तिष्काघात के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
गुजरात के अहमदाबाद शहर से एक दर्दनाक और चौंका देने वाली घटना सामने आई है. यहां नवरंगपुरा स्थित सोम ललित स्कूल में पढ़ने वाली 16 वर्षीय छात्रा ने स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी. गंभीर रूप से घायल छात्रा को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना गुरुवार दोपहर ब्रेक के समय हुई, जिससे पूरे स्कूल और शहर में मातम पसरा है.
पुलिस और स्कूल प्रशासन के अनुसार मृतक छात्रा 10वीं कक्षा की छात्रा थी और पिछले पांच वर्षों से इसी स्कूल में पढ़ रही थी. पुलिस का कहना है कि घटना की जानकारी मिलते ही टीम तुरंत अस्पताल पहुंची, जहां लड़की आईसीयू में भर्ती थी लेकिन बेहोश और बेहद नाजुक हालत में थी.
हाथ छुड़ाकर कूदी छात्रा
प्रत्यक्षदर्शियों ने जो बताया वह और भी झकझोर देने वाला है. तीन से चार छात्रों ने देखा कि वह दीवार की ओर बढ़ रही थी. उन्होंने उसे रोकने की कोशिश भी की. एक छात्र ने तो उसका हाथ भी पकड़ लिया, लेकिन वह छुड़ाकर कूद गई. सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि शिक्षक या अन्य स्टाफ सतर्क भी नहीं हो सके.
डॉक्टर नहीं बचा सके जान
छात्रा के गिरते ही उसके सिर में गंभीर चोट आई, जिससे उसे मस्तिष्काघात हो गया. साथ ही उसके हाथ-पैर भी टूट गए. पहले उसे पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, फिर गंभीर स्थिति को देखते हुए थलतेज के एक बड़े अस्पताल में शिफ्ट किया गया, लेकिन डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके.
हर एंगल से पड़ताल जारी
पुलिस अभी इस आत्मघाती कदम के पीछे की वजह को लेकर उलझन में है. नवरंगपुरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ए ए देसाई ने कहा कि अब तक की जांच में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है, लेकिन हर एंगल से पड़ताल की जा रही है. पुलिस छात्रा के माता-पिता, सहपाठियों और शिक्षकों से बात कर उसकी मानसिक स्थिति और निजी परेशानियों की जानकारी जुटा रही है.
स्कूल की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली गई
स्कूल की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है ताकि घटना के ठीक पहले क्या हुआ, यह स्पष्ट हो सके. इंस्पेक्टर देसाई ने कहा कि इस मामले में अभी कुछ भी निश्चित तौर पर कहना जल्दबाजी होगी. यह घटना न केवल परिवार के लिए बल्कि स्कूल और समाज के लिए भी एक बड़ा झटका है. सवाल यह भी उठता है कि क्या हम बच्चों की मानसिक स्थिति को लेकर पर्याप्त सतर्क हैं? क्या स्कूल और घर दोनों स्तर पर बच्चों को मानसिक सहारा दिया जा रहा है? अहमदाबाद की इस घटना ने फिर एक बार सोचने पर मजबूर कर दिया है कि युवाओं की जिंदगी में दबाव किस हद तक बढ़ चुका है.
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