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क्या आप भी हैं माइग्रेन से परेशान? करें ये आयुर्वेदिक उपाय, फिर देखें कमाल!

माइग्रेन से बचाव और राहत के लिए आयुर्वेदिक उपाय प्रभावी साबित हो सकते हैं. नियमित दिनचर्या, योग और सही आहार का पालन करके इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है. यदि समस्या गंभीर हो, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें.

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Edited By: Reepu Kumari
Migraine Pain
Courtesy: Pinteres

माइग्रेन एक गंभीर समस्या है, जिसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द, चक्कर आना, उल्टी जैसा महसूस होना, और प्रकाश या आवाज के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इस समस्या का प्रभाव दैनिक जीवन पर गहरा पड़ता है. आयुर्वेद में माइग्रेन के लिए कई प्राकृतिक उपचार उपलब्ध हैं, जो न केवल राहत प्रदान करते हैं बल्कि इसके कारणों को भी कम कर सकते हैं.

1. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करें

  ब्रह्मी: ब्रह्मी मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है और सिरदर्द से राहत दिलाती है. इसे चूर्ण या काढ़े के रूप में सेवन करें.
   अश्वगंधा: यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाती है और तनाव से होने वाले सिरदर्द को कम करती है.
   पिपरमिंट ऑयल: इसे माथे पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है.

2. शीतलन तकनीक अपनाएं
   माइग्रेन के दौरान ठंडे पानी की पट्टी माथे पर रखें. यह न केवल दर्द को कम करता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है.

3. त्रिफला और अन्य आयुर्वेदिक मिश्रण 
   त्रिफला चूर्ण का सेवन पाचन को सुधारता है और शरीर में संतुलन बनाए रखता है, जिससे माइग्रेन की तीव्रता कम होती है.  

4. योग और ध्यान
   माइग्रेन का एक मुख्य कारण तनाव होता है. प्राणायाम, शीतली और अनुलोम-विलोम जैसे योगासन माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इसके साथ ही ध्यान करने से मन को शांति मिलती है.

5. आहार पर ध्यान दें
संतुलित और सादा आहार लें। मसालेदार, तला-भुना और जंक फूड से बचें.  
 अधिक मात्रा में पानी पिएं और ताजे फलों का सेवन करें.
 दिनचर्या में गुनगुने दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीना भी फायदेमंद होता है.

6. सुवर्णप्राशन का सेवन करें
   आयुर्वेद में सुवर्णप्राशन का प्रयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मस्तिष्क को शांत करने के लिए किया जाता है.

7.अरोमाथेरेपी का सहारा लें
   लैवेंडर और चंदन जैसे आवश्यक तेलों का उपयोग करें. इनकी खुशबू तनाव को कम करके सिरदर्द से राहत दिलाती है.