क्या होती है Kawasaki Disease? जिससे जूझ रहा था मुनव्वर फारुकी का बेटा, जानें दुर्लभ बीमारी के लक्षण

Munawar Faruqui Son Disease: कावासाकी डिजीज एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होती है. इसमें शरीर के secondary blood vessels में सूजन आ जाती है, खासकर कोरोनरी आर्टरी.

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Princy Sharma

What Is Kawasaki Disease: स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी हाल ही में अपने बेटे की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि जब उनका बेटा केवल 1.5 साल का था, तो उसे 'Kawasaki Disease' नामक एक दुर्लभ रोग हुआ था. मुनव्वर ने बताया कि कैसे वह अपने बेटे का इलाज करवाने के लिए पैसों की तंगी से जूझ रहे थे.

मुनव्वर ने एक पॉडकास्ट में कहा, 'वह स्थिति मुझे बहुत डरा देती है. मेरा बेटा तब 1.5 साल का था. वह बीमार हुआ था, और 2-3 दिन तक उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ. अस्पताल जाने के बाद पता चला कि उसे कावासाकी डिजीज हुआ है' कॉमेडियन ने बताया कि इलाज के लिए उन्हें ₹75,000 की जरूरत थी, लेकिन उनके पास सिर्फ ₹700-800 ही थे.'

कावासाकी डिजीज क्या है?

कावासाकी डिजीज एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होती है. इसमें शरीर के secondary blood vessels में सूजन आ जाती है, खासकर कोरोनरी आर्टरी. इस रोग के कारण को लेकर अभी तक कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह एक overdeveloped immune response के कारण होता है, जो इंफेक्शन द्वारा पैदा होती है. इस बीमारी का इलाज जल्दी से किया जाना बहुत जरूरी है, ताकि हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याओं से बचा जा सके.

क्या है लक्षण? 

कावासाकी डिजीज के लक्षण आमतौर पर दो फेस में विकसित होते हैं. पहले फेज में 5 दिनों से अधिक समय तक बुखार रहता है, साथ ही सूजे हुए लिम्फ नोड्स, फटी हुई होंठ और लाल रंग की सूजी जीभ (स्ट्रॉबेरी टंग) जैसी समस्याएं होती हैं. हाथ-पैर में सूजन और चिढ़चिढ़ापन भी देखे जाते हैं. दूसरे फेज में, जोड़ों में दर्द हो सकता है. अगर इलाज नहीं किया जाता, तो यह बीमारी दिल की arteries में सूजन, दिल की मांसपेशियों में सूजन या हृदय के वाल्वों को नुकसान पहुंचा सकती है.

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.   theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.