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छोड दें लाइट जलाकर सोने की है आदत? चुपचाप शरीर कर देगी खराब, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी

लाइट जलाकर सोने से मेलाटोनिन कम होता है, गहरी नींद में रुकावट आती है, स्ट्रेस हार्मोन बढ़ते हैं, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है. साथ में दिल की धड़कन भी बिगड़ सकती है.

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Edited By: Princy Sharma
छोड दें लाइट जलाकर सोने की है आदत? चुपचाप शरीर कर देगी खराब, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: बहुत से लोग रात में हल्की रोशनी या पूरी तरह से जले हुए बल्ब के साथ सोना पसंद करते हैं. उनका मानना ​​है कि इससे डर कम होता है, उन्हें जल्दी नींद आती है या रात में जागना आसान हो जाता है. हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह आम आदत लंबे समय में शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर दिल को. चलिए इस आदत से जुड़े नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि इंसान का शरीर एक नेचुरल बायोलॉजिकल क्लॉक पर काम करता है. जब अंधेरा होता है तो दिमाग मेलाटोनिन नाम का हार्मोन रिलीज करता है. यह हार्मोन गहरी, शांत और हेल्दी नींद के लिए बहुत जरूरी है. जब आप लाइट जलाकर सोते हैं तो मेलाटोनिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है. नतीजतन, नींद हल्की हो जाती है और बार-बार टूटती है. 

दिल की सेहत पर बुरा असर

भले ही कोई व्यक्ति कई घंटों तक सोए, लेकिन शरीर को ठीक से आराम नहीं मिल पाता. खराब क्वालिटी की नींद सीधे दिल की सेहत पर असर डालती है. गहरी नींद की कमी से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है. कोर्टिसोल का हाई लेवल ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और दिल की धड़कन को तेज कर सकता है. समय के साथ, इससे दिल पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है. लगातार स्ट्रेस और हाई ब्लड प्रेशर दिल की बीमारियों के लिए बड़े रिस्क फैक्टर हैं. 

ब्लड शुगर लेवल की समस्या

रोशनी में सोने से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी पर भी असर पड़ता है. इसका मतलब है कि शरीर शुगर को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता. नतीजतन, ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बिगड़ सकता है. ये सभी स्थितियां दिल की समस्याओं के बढ़ते रिस्क से जुड़ी हुई हैं.

एरिथमिया का खतरा

रिसर्च से यह भी पता चला है कि रात में रोशनी के संपर्क में आने से दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी पर असर पड़ सकता है. इससे दिल की धड़कन डिस्टर्ब हो सकती है और अनियमित दिल की धड़कन, जिसे एरिथमिया भी कहते हैं का रिस्क बढ़ सकता है. अगर अनियमित दिल की धड़कन लंबे समय तक बनी रहती है तो यह खतरनाक हो सकती है.

डॉक्टर पूरी सेहत की सुरक्षा के लिए अंधेरे कमरे में सोने की सलाह देते हैं. अगर पूरी तरह से अंधेरा असहज लगता है तो बिस्तर से थोड़ी दूर रखा हुआ बहुत हल्का नाइट लैंप एक सुरक्षित ऑप्शन है. सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल कम करने से भी शरीर को नैचुरली मेलाटोनिन बनाने में मदद मिलती है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.