विजय की रैली में भगदड़ के लिए कौन जिम्मेदार? गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज, 39 की मौत का हिसाब देंगे TVK के करीबी सहयोगी?
Thalapathy Vijay: करूर में एक्टर-राजनेता विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 39 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल होने के मामले में पुलिस ने उनके करीबी सहयोगी एन आनंद सहित टीवीके के टॉप नेताओं पर गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं.
Thalapathy Vijay: तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता-राजनेता विजय की पार्टी तमिऴगगा विजयकंट्रकटी (TVK) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने बड़ा हादसा कर दिया है. इस भीड़भाड़ में 39 लोगों की मौत हो गई और करीब 100 लोग घायल हुए हैं. घटना के बाद पूरे राज्य में शोक और आक्रोश का माहौल है.
इस मामले में विजय के बेहद करीबी सहयोगी और टीवीके महासचिव एन आनंद, जो 'बुस्सी आनंद' के नाम से भी जाने जाते हैं, पर पुलिस ने केस दर्ज किया है. आनंद को पार्टी में नंबर 2 की हैसियत प्राप्त है और वे पुडुचेरी विधानसभा के पूर्व विधायक रह चुके हैं. आनंद के अलावा, टीवीके के संयुक्त महासचिव सीटी निर्मल कुमार, करूर पश्चिम जिला सचिव मथियाझगन और तीन अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.
लगे गैर इरादतन हत्या के आरोप
पुलिस ने इन नेताओं पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की उन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें गैर इरादतन हत्या, मानव जीवन को खतरे में डालने वाले लापरवाह आचरण, लोक सेवक के आदेश की अवहेलना से संबंधित हैं. इसके अलावा, उन पर तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति (क्षति और हानि निवारण) अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
राज्य सरकार ने साधा निशाना
द्रमुक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने इस घटना के लिए विजय और उनकी पार्टी पर सीधा निशाना साधा है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि, 'आयोजकों ने रैली में भीड़ प्रबंधन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया इसके अलावा पीने के पानी और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी. जिसके कारण लंबे इंतजार और उमस भरे माहौल के चलते कई लोग बेहोश हो गए थे.
सूत्रों के मुताबिक, विजय कार्यक्रम में लगभग 7 घंटे देरी से पहुंचे थे. समर्थक दोपहर से ही रैली स्थल पर इकट्ठा होने लगे थे. जब अभिनेता-राजनेता शाम 7 बजे के बाद पहुंचे, तब पहले से भीड़भाड़ वाले इलाके में और लोग जुड़ गए थे. भीड़ ने विजय के वाहन का पीछा करते हुए पुलिस बैरिकेड्स और नियमों की अनदेखी की गई थी. रैली के दौरान भी कुछ लोग बेहोश हो गए, लेकिन भाषण जारी रहा. एंबुलेंस को समय पर प्रवेश नहीं मिला और इससे स्थिति और बिगड़ गई.
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