Son of Sardaar 2 Review: कॉमेडी में रवि किशन से पीछे रह गए अजय देवगन, कैसी है सन ऑफ सरदार 2? पढ़ें मूवी रिव्यू
Son of Sardaar 2 Review: सन ऑफ सरदार 2 आज 1 अगस्त 2025 को रिलीज हो गई है. अजय देवगन और मृणाल ठाकुर की जोड़ी थिएटर में धूम मचा रही है. यह फिल्म सन ऑफ सरदार (2012) का सीक्वल है, जो कॉमेडी, ड्रामा, और भारत-पाकिस्तान की नोकझोंक के इर्द-गिर्द घूमती है. लेकिन क्या यह फिल्म अपने वादों पर खरी उतरती है?
Son of Sardaar 2 Review: आज 1 अगस्त 2025 को रिलीज हुई सन ऑफ सरदार 2 अजय देवगन और मृणाल ठाकुर की जोड़ी थिएटर में धूम मचा रही है. विजय कुमार अरोड़ा की डायरेक्टेड यह फिल्म सन ऑफ सरदार (2012) का सीक्वल है, जो कॉमेडी, ड्रामा, और भारत-पाकिस्तान की नोकझोंक के इर्द-गिर्द घूमती है. लेकिन क्या यह फिल्म अपने वादों पर खरी उतरती है?
सन ऑफ सरदार 2 में अजय देवगन जस्सी के किरदार में लौटते हैं, जो अब स्कॉटलैंड में रहने वाले सरदार है. उसकी मुलाकात राबिया (मृणाल ठाकुर) से होती है, जो एक पाकिस्तानी शादी की डांसर है और अपने पति (चंकी पांडे) के छोड़े गए परिवार की जिम्मेदारी संभाल रही है. कहानी तब ट्विस्ट लेती है, जब जस्सी को एक लड़की की शादी में उसके पिता का किरदार निभाना पड़ता है और खुद को भारतीय सेना का सिपाही बताना पड़ता है. इसके बाद भ्रम, सांस्कृतिक टकराव, और हास्य का सिलसिला शुरू होता है.
सन ऑफ सरदार 2 की कहानी
कहानी कागज पर जितनी मज़ेदार लगती है, स्क्रीन पर उतनी प्रभावी नहीं बन पाती. जस्सी की पत्नी उसे तलाक का नोटिस देती है, और राबिया के साथ उसका रोमांस शुरू हो जाता है. फिल्म सामाजिक संदेश, जैसे डांस को कला का रूप बताने की कोशिश करती है, लेकिन यह संदेश कहानी में बिखर जाता है.
अजय देवगन और मृणाल ठाकुर की जोड़ी में वह जादू गायब है, जो एक रोमांटिक कॉमेडी के लिए जरूरी है. 56 साल के देवगन और 33 साल की ठाकुर के बीच की केमिस्ट्री जबरदस्ती लगती है. देवगन कई सीन में खोए-खोए से दिखते हैं, जैसे वह इस किरदार में पूरी तरह ढल नहीं पाए.
वहीं, सहायक कलाकार फिल्म की जान हैं. रवि किशन (राजा) एक पाकिस्तान-विरोधी गैंगस्टर के रूप में शानदार हैं. उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग हर सीन में हंसी लाते हैं. दीपक डोबरियाल एक ट्रांसजेंडर महिला के किरदार में गहराई और संवेदनशीलता लाते हैं, जबकि संजय मिश्रा अपने यूपी-बिहार स्टाइल में स्कॉटलैंड के गैंगस्टर के रूप में मजेदार हैं. मुकुल देव को दी गई श्रद्धांजलि और उनकी छोटी लेकिन प्रभावी भूमिका दिल छू लेती है.
फिल्म की कॉमेडी ने लूटी फहफिल
फिल्म का हास्य पहले हाफ में कमजोर है, लेकिन दूसरे हाफ में कुछ चुटकुले निशाने पर लगते हैं. भारत-पाकिस्तान की नोकझोंक पर आधारित कई डायलॉग मजेदार हैं, जैसे जस्सी का युद्धों में भारत की जीत का जिक्र. हालांकि, कुछ चुटकुले जबरदस्ती और बेमेल लगते हैं. फिल्म में पाकिस्तान का चित्रण एक पतली रस्सी पर चलता है—कभी वहां के किरदारों को मानवीय दिखाने की कोशिश होती है, तो कभी ‘बम गिराने’ जैसे पंचलाइनों से स्टीरियोटाइप को बढ़ावा मिलता है.
सन ऑफ़ सरदार 2 को एक एक्शन-कॉमेडी के रूप में प्रचारित किया गया, लेकिन एक्शन लगभग गायब है. अजय देवगन एक गाने में टैंक चलाते हैं और एक सीन में नीरू बाजवा को गोद में उठाते हैं, लेकिन इससे ज्यादा एक्शन नहीं है. कॉमेडी का जिम्मा सहायक कलाकारों पर छोड़ दिया गया है.
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