ऑस्ट्रेलिया की तरफ भारत में भी 16 साल से कम लोगों के लिए सोशल मीडिया हो बैन, किस एक्टर ने मोदी सरकार से लगाई गुहार?

सोनू सूद ने नई इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए भारत सरकार से अपील की है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन पर गंभीरता से विचार किया जाए. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की हालिया पॉलिसी का हवाला देते हुए कहा कि बच्चों को डिजिटल लत से बचाना समय की जरूरत है.

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Babli Rautela

एक्टर और समाज सेवी सोनू सूद ने एक बार फिर समाज की ओर ध्यान खींचते हुए बड़ा मुद्दा उठाया है. इस बार उनकी चिंता का केंद्र है सोशल मीडिया पर बढ़ती बच्चों की निर्भरता और डिजिटल लत का खतरा. अपनी नई इंस्टाग्राम स्टोरी में उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोग पर बैन लगाने पर विचार किया जाए. उनकी यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई और देशभर में नई बहस छेड़ दी.

सोनू सूद ने अपनी स्टोरी में लिखा कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने पहले ही 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है और अब समय आ गया है कि भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ाए. उनका कहना है कि बच्चों को असली बचपन मिलना चाहिए और स्क्रीन की लत से आजादी जरूरी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को मजबूत पारिवारिक रिश्तों की जरूरत है और डिजिटल प्लेटफॉर्म के कारण यह दूरी बढ़ रही है.

देश के भविष्य के लिए सोनू सूद की अपील

सूद ने भारत सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार देश के भविष्य के लिए लगातार अविश्वसनीय कदम उठा रही है. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर भारत भी नाबालिगों के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी लागू करता है तो यह एक और सकारात्मक उदाहरण बन सकता है. उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि बच्चों की मानसिक और भावनात्मक भलाई की सुरक्षा बेहद जरूरी है और अभी से कदम उठाना भविष्य को सुरक्षित बनाने जैसा है.

सोशल मीडिया का बच्चों पर बढ़ता प्रभाव 

यह अपील ऐसे समय में आई है जब दुनियाभर में बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर गंभीर चर्चाएं हो रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कम उम्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म की लत ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कमजोर कर सकती है और कई बार मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देती है. साइबर बुलिंग और असुरक्षित ऑनलाइन माहौल भी बच्चों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. ऐसे में सोनू सूद का बयान समाज में एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है.

सूद की अपील सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का विषय बन गई है. माता पिता शिक्षक और नीति निर्माता यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या भारत को भी ऑस्ट्रेलिया जैसा मॉडल अपनाना चाहिए. कई लोग इस कदम के समर्थन में हैं और मानते हैं कि इससे बच्चों का समय वास्तविक गतिविधियों में लगेगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया पूरी तरह बंद करने के बजाय बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर ध्यान देना और जागरूकता बढ़ाना अधिक जरूरी है.