ब्लड प्रेशर की खाई 50 गोलियां, हाल ही में रचाई थी शादी, जानें कौन हैं 26 की उम्र में सुसाइड करने वाली ये मॉडल?

पुडुचेरी की मशहूर मॉडल और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सैन रेचल गांधी ने 26 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली. रविवार, 12 जुलाई 2025 को उनका निधन जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में हुआ. पुलिस के अनुसार सैन ने अपने पिता के घर जाने के बाद नींद की गोलियों की अधिक मात्रा ले ली थी.

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San Rachel Death: पुडुचेरी की मशहूर मॉडल और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सैन रेचल गांधी ने 26 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली. रविवार, 12 जुलाई 2025 को उनका निधन जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में हुआ. पुलिस के अनुसार सैन ने अपने पिता के घर जाने के बाद नींद की गोलियों की अधिक मात्रा ले ली थी. उन्हें पहले सरकारी अस्पताल, फिर निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के बाद JIPMER में भर्ती किया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके पास मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है.

ब्लड प्रेशर की खाई 50 गोलियां

सैन रेचल गांधी, जिन्हें शंकरप्रिया के नाम से भी जाना जाता था, ने मॉडलिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई थी. उन्होंने 2020 में मिस पुदुचेरी, 2019 में मिस डार्क क्वीन तमिलनाडु और 2022 में क्वीन ऑफ मद्रास जैसे खिताब जीते. वह लंदन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं. सैन ने भारतीय मनोरंजन और फैशन इंडस्ट्री में रंगभेद के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई. वह गहरे रंग की त्वचा वाली महिलाओं के लिए समावेशिता की वकालत करती थीं और समाज में सुंदरता के अवास्तविक मानकों को तोड़ने की कोशिश करती थीं.

हाल ही में रचाई थी शादी

पुलिस जांच में पता चला कि सैन आर्थिक तंगी और निजी समस्याओं से जूझ रही थीं. उन्होंने हाल ही में अपने गहने बेचे थे ताकि अपने करियर को आगे बढ़ा सकें. इसके अलावा, उनकी हालिया शादी के बाद वैवाहिक समस्याएं भी जांच के दायरे में हैं. सैन के निधन ने सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ा दी है. उनके प्रशंसक और मॉडलिंग जगत के लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं. उनकी मृत्यु ने मानसिक स्वास्थ्य, रंगभेद और मॉडलिंग उद्योग में महिलाओं पर दबाव जैसे मुद्दों पर चर्चा को फिर से तेज कर दिया है. सैन की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा थी, जो सामाजिक पूर्वाग्रहों के खिलाफ लड़ रहे हैं.