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दिलीप कुमार की जयंती पर भावुक हुईं सायरा बानो, वीडियो शेयर कर कही 'मन की बात' फिर डिलीट किया पोस्ट!

दिलीप कुमार की 103वीं जयंती पर सायरा बानो ने एक बेहद भावुक पोस्ट लिखी. उन्होंने दिलीप साहब को याद करते हुए कहा कि क्या हमें यूसुफ हमेशा के लिए नहीं मिल सकते. उनकी पोस्ट ने फैंस को भावुक कर दिया.

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Edited By: Babli Rautela
Dilip Kumar Birth Anniversary -India Daily
Courtesy: Social Media

हिंदी सिनेमा के महान कलाकार दिलीप कुमार की 103वीं जयंती पर पूरी फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. लेकिन सबसे भावुक संदेश आया उनकी पत्नी और मशहूर एक्ट्रेस सायरा बानो की ओर से. उन्होंने इंस्टाग्राम पर दिलीप साहब की याद में एक लंबा दिल छू लेने वाला नोट लिखा और कुछ इमोशनल वीडियो भी साझा किए. यह पोस्ट सामने आते ही सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई और फैंस भावुक हो उठे.

सायरा बानो ने दिलीप साहब को याद करते हुए लिखा कि हर साल जब यह दिन आता है तो उनके दिल में हलचल होती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने दिलीप कुमार को न केवल एक कलाकार के रूप में बल्कि एक बेहतरीन इंसान के रूप में जिया है. उन्होंने उन्हें मेरे प्यारे यूसुफ साहब कहकर संबोधित किया और बताया कि उनके व्यक्तित्व की गहराई को शब्दों में बांध पाना बेहद कठिन है.

दिलीप कुमार को याद कर भावुक हुईं सायरा

सायरा बानो के अनुसार लोग दिलीप कुमार को एक संस्था, एक करिश्मा और एक अनोखे जीनियस के रूप में देखते हैं लेकिन उन्होंने उनके शांत चमत्कारों को करीब से महसूस किया है. जिस तरह वह हर किरदार की तैयारी करते थे वह किसी साधना से कम नहीं था. वह किरदार की मिट्टी में इस तरह घुल जाते थे कि कभी कभी सायरा भी परफॉर्मेंस के पीछे के इंसान को ढूंढती रह जाती थीं.

Dilip Kumar Birth Anniversary
Dilip Kumar Birth Anniversary Instagram

सायरा ने लिखा कि दिलीप साहब का समर्पण उनकी कला और फैंस के लिए एक पवित्र भेंट था. उनकी फिल्मों ने पीढ़ियों को रौशन किया और उनकी रोशनी में नए कलाकारों ने रास्ता बनाया. उन्होंने कहा कि दर्शकों के लिए दिलीप साहब की फिल्में त्योहारों की तरह थीं. उनकी गर्माहट कभी कम नहीं हुई. सायरा बानो ने यह भी बताया कि दुनिया ने उन्हें जितना स्नेह दिया उतनी शोहरत कभी उन्हें प्रभावित नहीं कर सकी. वह हमेशा सरल बने रहे और लोगों के प्यार को विनम्रता से स्वीकार करते रहे.

दिलीप साहब की सादगी ने हमेशा छू लिया दिल

अपनी पोस्ट में सायरा ने उनकी सादगी का एक और किस्सा याद किया. उन्होंने बताया कि दिलीप साहब उन चीजों को सहजता से छोड़ देते थे जिन्हें लोग जीवन भर संजोकर रखते हैं. एक घड़ी, एक शॉल या एक पेन वह किसी को ऐसे दे देते थे जैसे चीजों की कीमत नहीं बल्कि दिलों की कीमत होती है. यह सादगी ही उनके व्यक्तित्व का सबसे खूबसूरत हिस्सा थी.

 

सायरा ने याद किया कि एक शाम दिलीप साहब ने बिना किसी घोषणा के उनका हाथ पकड़ा और उन्हें एक शादी में ले गए. वह कहते थे कि असली शालीनता के लिए किसी तैयारी की जरूरत नहीं होती. उनके साथ बिताया हर पल सायरा के लिए एक सम्मान था क्योंकि वह लेजेंड के पीछे के इंसान को जान पाई थीं.

इमोशनल लाइन जिसने सबको रुला दिया

अपने संदेश के आखिर में सायरा बानो ने लिखा कभी कभी मैं खुद को यह कहते हुए पाती हूं कि खुदा से पूछूं क्या हमें यूसुफ हमेशा के लिए नहीं मिल सकते. यह लाइन फैंस के दिल को सीधा छू गई. उन्होंने लिखा हैप्पी बर्थडे यूसुफ जान और बताया कि उनका प्यार आज भी उतना ही गहरा है.

दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी हमेशा बॉलीवुड की सबसे प्यारी और आदरणीय कहानियों में गिनी जाती है. दोनों ने 11 अक्टूबर 1966 को शादी की थी. उस समय सायरा 22 साल की थीं और दिलीप साहब 44 साल के. उम्र का अंतर उनके रिश्ते की मजबूती के आगे कभी मायने नहीं रख पाया. उनका साथ पांच दशकों से भी ज्यादा समय तक चला और सिनेमा जगत में एक मिसाल बन गया.