'आप किसके लिए खड़े हैं...', ऐश्वर्या संग तलाक की अफवाहों पर ये क्या बोल गए अभिषेक बच्चन, फैंस के उड़े तोते
Abhishek Bachchan: अभिषेक बच्चन ने हाल ही में अपने निजी मामलों से जुड़ी खबरों से निपटने के तरीके के बारे में बताया. अपने एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने खुलकर बात की और बताया की वह अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी अफवाहों की वजह से नकारात्मकता से जूझ रहे हैं.

Abhishek Bachchan: एक्टर अभिषेक बच्चन पिछले कुछ समय से कई वजहों से लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं, चाहे अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की अफवाह हो, निमरत कौर के साथ उनके रिश्ते की खबरें या अपनी बेटी आराध्या के जन्मदिन पर शामिल न होना. हाल ही में अपने एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने खुलकर बात की और बताया की वह अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी अफवाहों की वजह से नकारात्मकता से जूझ रहे हैं.
नकारात्मकता से जूझ रहे हैं अभिषेक बच्चन
अभिषेक बच्चन ने हाल ही में अपने निजी मामलों, खासकर ऐश्वर्या राय के साथ अपने तलाक की खबरों से जुड़ी नकारात्मकता से निपटने के तरीके के बारे में बताया. खैर, अभिषेक इन सब बातों से खुद को निराश नहीं होने दे रहे हैं. आई वांट टू टॉक एक्टर ने मीडिया से खुलकर बातचीत की और बताया कि वह इन चीजों से कैसे निपटते हैं. अपने मूल मूल्यों पर टिके रहने की जरूरत पर जोर देते हुए अभिषेक ने कहा,
'हिंदी में एक शब्द है ‘धृढ़ता’. कहीं न कहीं, एक व्यक्ति के रूप में आप कौन हैं, यह नहीं बदलना चाहिए. आपके मूल सिद्धांतों में बदलाव होना चाहिए. आपको अनुकूलन करना और विकसित होना सीखना होगा अन्यथा आप पीछे रह जाएंगे. आपके मूल मूल्यों में बदलाव नहीं होना चाहिए. इसलिए, मैं अभी भी मानता हूं कि ‘जब बुरा अपनी बुराई न छोड़े तो अच्छा अपनी अच्छी क्यों छोड़े?’ मैं अपने व्यक्तित्व को नहीं बदल सकता. मैं बहुत सकारात्मक व्यक्ति हूं और आप नकारात्मक बातों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते. जब आप नकारात्मक बातों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो यह आपको परेशान कर देगा. एक व्यक्ति के रूप में आप कौन हैं, आपके मूल मूल्य क्या हैं, उन्हें नहीं बदलना चाहिए.'
आप किसके लिए खड़े हैं-अभिषेक
इंटरव्यू में आगे, अभिषेक ने भविष्य की चुनौतियों के बावजूद अपने विश्वासों और मूल्यों पर अडिग रहने के अपने नजरिए को साझा किया. उन्होंने कहा, 'साथ ही, एक पुरुष के रूप में, आप कौन हैं? आप किसके लिए खड़े हैं? अगर मैं हवा में उड़ता हुआ पत्ता बन जाऊंगा, तो लोग कहेंगे कि वह एक ठोस व्यक्ति नहीं है. इसलिए, मेरे अंदर कुछ चीजें नहीं बदलतीं.'
जब उनसे अंधेरे में आशा खोजने के उनके मंत्र के बारे में पूछा गया, तो अभिषेक ने बताया कि आशा की कुंजी आशावादी बने रहना है, तब भी जब जीवन भारी लगता है. उम्मीद खोने के बजाय, उस एक पतली सी उम्मीद की किरण को थामे रखना और बाधाओं के दूर होने का इंतजार करना ज्यादा जरूरी है.