सायरा बानो भी नहीं पूरा कर सकीं दिलीप कुमार का ये सपना, उम्र भर इस दुख ने नहीं छोड़ा पीछा

दिलीप कुमार की 103वीं जयंती पर जानिए उस अधूरे सपने के बारे में, जिसने उन्हें उम्र भर दुखी रखा. बेहतरीन अभिनय के बाद भी वे पिता बनने का सुख नहीं पा सके और इसी कमी ने उन्हें जीवन भर तकलीफ दी.

Social Media
Babli Rautela

हिंदी सिनेमा के महान एक्टर दिलीप कुमार का नाम भारतीय फिल्म इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है. 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान के पेशावर में जन्मे इस लड़के ने वह मुकाम हासिल किया जिसे पाने का सपना हर कलाकार देखता है. दमदार अभिनय, भावनाओं को सहजता से परदे पर उतार देने की कला और अपनी गंभीर छवि के कारण उन्होंने फैंस से लेकर दिग्गज कलाकारों तक सभी के दिलों में खास जगह बनाई.

आज उनकी 103वीं बर्थ एनिवर्सरी पर हम उनके जीवन के उस दर्दनाक हिस्से की बात कर रहे हैं जिसमें उनका सबसे बड़ा सपना अधूरा रह गया. यह वह सपना था जिसने दिलीप साहब को उम्र भर भीतर से तोड़ कर रखा.

दिलीप कुमार का ये सपना रह गया अधूरा

करीब 60 फिल्मों में काम कर चुके दिलीप कुमार को अभिनय की दुनिया में जो स्थान मिला वह बहुत कम लोगों को मिलता है. लेकिन निजी जिंदगी में उन्हें एक ऐसी कमी का सामना करना पड़ा जो उनके लिए आजीवन पीड़ा बन गई. दो बार शादी करने के बावजूद वे पिता नहीं बन पाए. उन्होंने पहली शादी एक्ट्रेस सायरा बानो से की थी और बाद में अस्मा रहमान से दूसरी शादी की. लेकिन दोनों रिश्तों से उन्हें संतान का सुख नहीं मिला.

सायरा बानो से दिलीप कुमार की शादी

दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी 1966 में हुई थी. शादी के समय दिलीप 44 साल के थे जबकि सायरा केवल 22 साल की थीं. दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे और 1972 वह साल था जब उनका परिवार पूरा हो सकता था. इस घटना का जिक्र दिलीप साहब ने दिलीप सायरा ऑटो बायोग्राफी में किया है.

उन्होंने बताया सच्चाई ये है कि 1972 में सायरा पहली बार प्रेग्नेंट हुई थीं. ये बेटा था हमें बाद में पता चला. 8 महीने की प्रेग्नेंसी में सायरा को ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई थी और उस वक्त पूर्ण रूप से विकसित हो चुके भ्रूण को बचाने के लिए सर्जरी करना मुश्किल था. ऐसे में दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई थी. इस दर्द ने दिलीप और सायरा दोनों को हिला दिया. इस हादसे के बाद सायरा दोबारा प्रेग्नेंट नहीं हो सकीं.

अस्मा रहमान से दूसरी शादी 

सायरा से शादी के 15 साल बाद 1981 में दिलीप कुमार ने अस्मा रहमान से दूसरी शादी की. यह रिश्ता भी केवल दो साल चला और 1983 में दोनों अलग हो गए. इस रिश्ते से भी उन्हें संतान का सुख नहीं मिला. इसके बाद दिलीप साहब दोबारा सायरा के पास लौट आए और जिंदगी भर उसी रिश्ते के साथ रहे.

दिलीप कुमार अपने करियर में चाहे जितने सफल हुए हों लेकिन पिता न बन पाने का दर्द उन्हें हमेशा खलता रहा. उनके करीबियों के अनुसार यह कमी उनके दिल में हमेशा एक टीस बनकर रही. हालांकि सायरा बानो ने उन्हें हमेशा सहारा दिया और दोनों ने जीवन भर एक दूसरे का साथ निभाया.

7 जुलाई 2021 को 98 साल की उम्र में दिलीप कुमार का निधन हो गया. लेकिन उनके पीछे छूटी उनकी फिल्मों की विरासत और वह अधूरा सपना जिसे वे कभी पूरा नहीं कर पाए. उनकी जयंती पर यह कहानी बताती है कि पर्दे के महानायक की जिंदगी में भी कुछ ऐसी खामोश पीड़ाएं थीं जो केवल उनका दिल ही जानता था.