Bobby Darling: ट्रांसजेंडर एक्ट्रेस बॉबी डार्लिंग, जिन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक भारतीय मनोरंजन इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई, ने हाल ही में अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की है. चार साल बाद मुंबई वापसी के बाद, बॉबी ने एकता कपूर से काम की गुहार लगाई है . उन्होंने खुलासा किया कि वह डिप्रेशन से जूझ रही हैं और उनके मन में आत्मघाती विचार आए हैं. बॉबी ने सुशांत सिंह राजपूत की 2020 में हुई दुखद आत्महत्या का जिक्र करते हुए अपनी मनोदशा को बयां किया है.
सिद्धार्थ कन्नन के पॉडकास्ट में, बॉबी ने बताया कि उन्होंने एकता कपूर से काम मांगने के लिए मैसेज किया था. उन्होंने 2005 की सुपरहिट फिल्म 'क्या कूल हैं हम' का जिक्र किया, जिसे एकता ने प्रोड्यूस किया था. 'जाहिर है, रितेश (देशमुख) का उसमें बहुत अच्छा काम था, सबका टीमवर्क ही होता है. मैं कोई ऐश्वर्या राय तो नहीं हूं.' अपनी बातचीत में बॉबी ने बताया की उन्होंने एकता से भावुक अपील की, 'मैंने मैसेज करके बोला, 'मैं आपके पैर छूती हूं . मैं बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही हूं . मैं काम की तलाश में हूं . प्लीज मुझे काम दे दीजिए. मुझे फ्रस्ट्रेशन हो रहा है, मैं डिप्रेशन में हूं. मैं आत्महत्या कर लूंगी, शायद मैं सुशांत (सिंह राजपूत) की तरह सुसाइड कर लूं .'
बॉबी ने बताया कि मानसिक तनाव और आत्मघाती विचारों के डर के कारण उन्हें कुछ समय के लिए मुंबई छोड़ना पड़ा. चार साल बाद, वह अब फिर से शहर लौटी हैं और अपने करियर को पुनर्जनन देने की कोशिश कर रही हैं . उन्होंने कहा, 'काम मांग रही हूं, काम तो चाहिए ही. बॉम्बे में रहके अगर काम नहीं किया तो क्या किया? वापस बार में डांस नहीं कर सकती हूं.' उनकी यह बात उनकी दृढ़ता और अभिनय के प्रति जुनून को दर्शाती है .
बॉबी डार्लिंग ने 'क्या कूल हैं हम', 'स्टाइल', 'दिल ने जिसे अपना कहा', 'अपना सपना मनी मनी', और 'ट्रैफिक सिग्नल' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया है. टेलीविजन पर भी उन्होंने 'कसौटी जिंदगी की', 'आहट', 'ये है आशिकी', 'ससुराल सिमर का', और 'कृष्णाकोली' जैसे पॉपुलर शो में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. उनकी बहुमुखी प्रतिभा और समर्पण ने उन्हें दर्शकों का प्यार दिलाया.
बॉबी की कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष को उजागर करती है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में ट्रांसजेंडर कलाकारों के सामने आने वाली चुनौतियों को भी रेखांकित करती है . उनकी यह अपील नई शुरुआत की उम्मीद जगाती है, जहां प्रतिभा को अवसर मिले और समाज समावेशिता को अपनाए .