किस बिग बॉस फेम इंफ्लुएंसर ने गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में पैर धोकर बनाई थी रील, अब कराई जाएगी पूरे तालाब की सफाई

जैस्मिन जाफर एक मशहूर फैशन और लाइफस्टाइल इन्फ्लुएंसर हैं, जिन्होंने बिग बॉस मलयालम सीजन 6 में हिस्सा लेकर खूब पॉपुलैरिटी हासिल की थी. उनकी सोशल मीडिया पर मजबूत मौजूदगी है, जहां वे अपने फैशन और लाइफस्टाइल कंटेंट के लिए जानी जाती हैं. हालांकि गुरुवायुर मंदिर में उनके इस कृत्य ने विवाद को जन्म दिया.

social media
Antima Pal

Jasmin Jaffar Viral Reel: केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में हाल ही में एक विवाद सुर्खियों में आया, जब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और बिग बॉस मलयालम की एक्स कंटेस्टेंट जैस्मिन जाफर ने मंदिर के पवित्र तालाब, रुद्रतीर्थम में पैर धोते हुए एक इंस्टाग्राम रील बनाई. इस घटना ने भक्तों और मंदिर प्रशासन की भावनाओं को ठेस पहुंचाई, जिसके बाद मंदिर में छह दिन के शुद्धिकरण अनुष्ठान का फैसला लिया गया.

जैस्मिन जाफर एक मशहूर फैशन और लाइफस्टाइल इन्फ्लुएंसर हैं, जिन्होंने बिग बॉस मलयालम सीजन 6 में हिस्सा लेकर खूब पॉपुलैरिटी हासिल की थी. उनकी सोशल मीडिया पर मजबूत मौजूदगी है, जहां वे अपने फैशन और लाइफस्टाइल कंटेंट के लिए जानी जाती हैं. हालांकि गुरुवायुर मंदिर में उनके इस कृत्य ने विवाद को जन्म दिया. मंदिर के नियमों के अनुसार तालाब में गैर-हिंदुओं का प्रवेश और वहां फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी सख्त मना है, क्योंकि यह तालाब भगवान कृष्ण के स्नान के लिए पवित्र माना जाता है.

20 अगस्त को जैस्मिन ने तालाब में पैर धोते हुए रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. वीडियो वायरल होने के बाद भक्तों और सांस्कृतिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया. मंदिर प्रशासन ने इसे परंपराओं का उल्लंघन मानते हुए गुरुवायुर मंदिर पुलिस में शिकायत दर्ज की. प्रशासन ने बताया कि शुद्धिकरण के लिए 18 पूजाएं और 18 शीवेली अनुष्ठान किए जाएंगे, जिसके दौरान मंगलवार सुबह 5 बजे से दोपहर तक दर्शन पर रोक रहेगी.

बवाल मचने के बाद जैस्मिन ने वीडियो डिलीट कर मांगी माफी

विवाद बढ़ने पर जैस्मिन ने वीडियो हटा लिया और इंस्टाग्राम पर माफी मांगी. उन्होंने कहा, 'मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. अज्ञानता में यह गलती हुई, इसके लिए मैं माफी मांगती हूं.' मंदिर प्रशासन ने साफ किया कि पवित्र स्थानों की मर्यादा बनाए रखने के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं. गुरुवायुर मंदिर को 'दक्षिण का द्वारका कहा जाता है, जो अपनी सख्त परंपराओं और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.