पंजाब की फरीदकोट लोकसभा सीट पर मुकाबला अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह ने इसी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. फरीदकोट लोकसभा सीट आरक्षित सीट है, जिस पर अब जमकर सियासी घमासान मचने वाला है.
सरबजीत सिंह खालसा, खालसा पंथ के नेताओं में बेहद लोकप्रिय है. उसने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. 31 अक्टूबर 1984 को जिन दो लोगों ने इंदिरा गांधी की हत्या की थी, उनमें बेअंत सिंह भी एक था. सरबजीत सिंह, स्थानीय नेता है और वह चुनाव लड़ता रहा है. वह साल 2007 में बहादुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुका है. उसने साल 2004 में भटिंडा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था. उसे कुल 1,13,490 वोट भी मिले थे.
कौन है सरबजीत सिंह खालसा?
अकाल तख्त समर्थक लोगों में भी वह खासा लोकप्रिय है. साल 2009 और 2014 में भी वह चुनाव लड़ चुका है. उसे भटिंडा और फतेहगढ़ साहिब, दोनों लोकसभा सीटों पर हार मिली थी. हर लगातार चुनाव हारता रहा है लेकिन उसके आने से एक बार फिर फरीदकोट का सियासी पारा बढ़ गया है.
करोड़पति है सरबजीत सिंह खालसा
सरबजीत सिंह खालसा के पास करोड़ों की संपत्ति है. चुनाव में उसने अपनी संपत्ति 3.5 करोड़ रुपये बताई है. चुनाव आयोग में उसने यही हलफमाना जमा कराया है. साल 2019 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर उसने साल 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वहां भी करारी हार मिली. सरबजीत सिंह खालसा का राजनीतिक इतिहास रहा है. उसकी मां बिमल कौर और दादा सुजा सिंह दोनों सांसद रहे हैं. रोपड़ और भटिंडा दोनों लोकसभा सीटों पर उसके परिवार का दबदबा रहा है.
फरीदकोट में अब मुकाबला हुआ दिलचस्प!
पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से हंसराज हंस को उतारा है. आम आदमी पार्टी ने अभिनेता करमजीत अनमोल को उतारा है. कांग्रेस की ओर से इस सीट से मौजूदा सांसद मोहम्मद सिद्दिकी चुनाव लड़ रहे हैं. अब यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है.
Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!