अमेरिका में पढ़ने का सपना? F-1 स्टूडेंट वीजा के लिए भारतीय छात्रों को रखने होंगे ये जरूरी कागजात
अमेरिका में पढ़ाई का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों के लिए स्टूडेंट वीजा यानी F-1 वीजा सबसे अहम कदम होता है. 2026 में भी हजारों छात्र अमेरिकी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेंगे.
नई दिल्ली: अमेरिका में एडमिशन जितना चुनौतीपूर्ण है, उससे कहीं ज्यादा सतर्कता स्टूडेंट वीजा के लिए जरूरी होती है. एक भी गलत या अधूरा दस्तावेज वीजा रिजेक्शन की वजह बन सकता है, जिससे पूरे करियर प्लान पर असर पड़ सकता है.
इसी वजह से वीजा इंटरव्यू से पहले सभी जरूरी कागजात तैयार रखना बेहद अहम है. अमेरिकी दूतावास हर छात्र को कुछ तय मानकों पर परखता है, जिन पर खरा उतरने के लिए सही डॉक्यूमेंट्स का होना जरूरी है.
वीजा इंटरव्यू में किन बातों पर होती है जांच
अमेरिकी काउंसलर अधिकारी वीजा आवेदन के बाद तीन मुख्य फैक्टर्स देखते हैं. पहला, छात्र की अमेरिका में पढ़ने की वास्तविक इच्छा. दूसरा, पढ़ाई और रहने के खर्च के लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधन. तीसरा, नॉन-इमिग्रेंट इंटेंट यानी पढ़ाई पूरी होने के बाद अपने देश लौटने की मंशा. इन तीनों को साबित करने के लिए दस्तावेज अहम भूमिका निभाते हैं.
F-1 वीजा के लिए जरूरी बेसिक डॉक्यूमेंट्स
स्टूडेंट वीजा इंटरव्यू के दिन कुछ मूल दस्तावेज अनिवार्य होते हैं. इनमें कम से कम छह महीने तक वैलिड पासपोर्ट, बारकोड के साथ DS-160 कंफर्मेशन पेज, वीजा इंटरव्यू अप्वाइंटमेंट लेटर, अमेरिकी यूनिवर्सिटी द्वारा जारी और DSO द्वारा साइन किया गया I-20 फॉर्म, और SEVIS फीस पेमेंट की रसीद शामिल है.
पढ़ाई की मंशा साबित करने वाले कागजात
वीजा अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्र सच में पढ़ाई के उद्देश्य से अमेरिका जा रहा है. इसके लिए यूनिवर्सिटी का एडमिशन लेटर, 10वीं और 12वीं के रिजल्ट, अंडरग्रेजुएट या पोस्टग्रेजुएट ट्रांसस्क्रिप्ट, और TOEFL, IELTS, GRE, GMAT, SAT या ACT जैसे टेस्ट स्कोर दिखाने होते हैं.
आर्थिक क्षमता दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स
अमेरिका चाहता है कि हर स्टूडेंट कम से कम एक साल की पढ़ाई का खर्च खुद उठा सके. इसके लिए बैंक स्टेटमेंट या बैलेंस सर्टिफिकेट, एजुकेशन लोन से जुड़े कागजात, स्कॉलरशिप या फेलोशिप लेटर और स्पांसरशिप डॉक्यूमेंट्स दिखाने पड़ते हैं. ये दस्तावेज वित्तीय मजबूती साबित करते हैं.
नॉन-इमिग्रेंट इंटेंट कैसे करें साबित
वीजा अधिकारी यह भी देखते हैं कि छात्र डिग्री पूरी होने के बाद भारत लौटेगा या नहीं. आमतौर पर इसके लिए अलग से डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाते, लेकिन भारत में प्रॉपर्टी के कागजात, जॉब ऑफर लेटर या बिजनेस से जुड़े सबूत होने पर भरोसा मजबूत होता है और वीजा की संभावना बढ़ती है.