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India Daily

सेक्रेड गेम्स के लेखक से बॉलीवुड स्टार्स तक, अजमेर का वो स्कूल जिसने फिल्म जगत सहित देश को दिए कई अनमोल हीरे

अजमेर का मेयो कॉलेज सिर्फ एक स्कूल नहीं, बल्कि बड़े सपनों की लॉन्चिंग पैड रहा है. यहीं से बॉबी देओल और विवेक ओबेरॉय जैसे बॉलीवुड स्टार्स ने शुरुआती पढ़ाई की.

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Edited By: Reepu Kumari
The school in Ajmer that gave many precious gems to the film industry
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: कुछ लोग स्टार या लेखक जन्म से नहीं, बल्कि अपने सफर से बनते हैं. राजस्थान का मेयो कॉलेज ऐसा ही स्कूल है, जहां पढ़ाई के साथ-साथ जिंदगी की कहानियां भी तैयार होती हैं. यहां की गलियां, लाइब्रेरी और हॉस्टल ने कई बड़े नामों को पहली उड़ान दी है. आज भी यह स्कूल अपनी परंपरा और आधुनिक शिक्षा के लिए जाना जाता है.

1875 में शुरू हुआ यह बोर्डिंग स्कूल पहले सिर्फ राजा-महाराजाओं के बच्चों के लिए था, लेकिन समय बदला और अब यहां हर वो बच्चा पढ़ सकता है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है. यहां से निकले सितारों और दिग्गजों की बातें आज भी नए छात्रों को प्रेरणा देती हैं. स्कूल का नाम छठे अर्ल ऑफ मेयो के नाम पर रखा गया था. अब यह आम परिवारों के लिए भी खास पहचान बन चुका है.

बॉलीवुड की पहली क्लास 

बॉबी देओल और विवेक ओबेरॉय दोनों ने अपनी स्कूल लाइफ का अहम हिस्सा यहीं बिताया. यहां की सख्त दिनचर्या, सुबह की पीटी, हॉस्टल की दोस्ती और क्लास की पढ़ाई ने इन्हें अनुशासन सिखाया. बॉबी बाद में फिल्मों में आए और आज भी फैंस के बीच पॉपुलर हैं. विवेक ने एक्टिंग के साथ बिजनेस में भी हाथ आजमाया. पुराने टीचर्स बताते हैं कि ये दोनों पढ़ाई में ठीक थे, लेकिन आत्मविश्वास में हमेशा आगे रहते थे.

लाइब्रेरी से निकली असली गेम्स 

विक्रम चंद्र ने इसी स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेयो की लाइब्रेरी, खेत, गांव के लोगों से बातचीत और हॉस्टल की दुनिया ने उनके अंदर लेखक को जन्म दिया. उन्होंने बताया कि स्कूल के अंदर और बाहर हर जगह उन्हें रोमांच मिला. यही अनुभव बाद में उनकी लिखी कहानियों में दिखा, खासकर सेक्रेड गेम्स में, जिसे दुनिया भर में पसंद किया गया.

यहां सिर्फ पढ़ाई नहीं, जिंदगी भी मिलती है 

स्कूल के पुराने छात्र कहते हैं कि यहां किताबों से ज्यादा दोस्त, मैदान, सुबह की घंटी और रात की हॉस्टल वाली बातें याद रहती हैं. यही वो चीजें हैं जो बच्चों को आगे बढ़ना सिखाती हैं. कुछ ने बचपन का पूरा समय यहीं बिताया तो कुछ कुछ साल पढ़कर आगे चले गए. लेकिन जिसने भी यहां कदम रखा, वो स्कूल की सीख और यादों को अपने साथ लेकर निकला.

बड़े अफसर भी यहीं से निकले 

भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला भी मेयो कॉलेज के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा था कि यह स्कूल पहले भी शानदार था और आज भी है. यहां की पढ़ाई और माहौल ने उन्हें जीवन और करियर दोनों की समझ दी. स्कूल से आईएएस, विदेश सेवा, क्रिकेट कप्तान और कमेंटेटर जैसे कई नाम जुड़े हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में बड़ा काम किया.

फीस सुनकर चौंकेंगे, लेकिन सुविधाएं भी वैसी 

मेयो कॉलेज की फीस सालाना करीब ₹10,53,000 है, जिसमें पढ़ाई के अलावा हॉस्टल, खेल, लाइब्रेरी और दूसरी एक्टिविटी के चार्ज भी शामिल होते हैं.

डिटेल भारतीय निवासी/एनआरआई/ओसीआई (राशि रुपये में) लगभग। अवधि
स्कूल की फीस 1,053,000 प्रतिवर्ष
जमानत राशि 526,500 वन टाइम
प्रवेश शुल्क 250,000 वन टाइम
एकमुश्त आईटी शुल्क 42,000 वन टाइम
अग्रिम धन 80,000 वन टाइम
एकसमान अग्रिम 25,000 वन टाइम
विवरणिका और नमूना पत्र 1,000 -
पंजीकरण शुल्क 25,000 -

यह रकम ज्यादा लग सकती है, लेकिन स्कूल में मिलने वाली सुविधाएं भी बड़ी हैं. यहां बच्चों को हर तरह की पढ़ाई, खेल और रहने की अच्छी व्यवस्था मिलती है, ताकि वे अपने सपनों को हकीकत में बदल सकें.