भुवनेश्वर: ओडिशा में रोजगार के अवसरों की कमी दिन-ब-दिन युवाओं को निराश कर रही है. हाल ही में झारसुगुड़ा जिले में हुई होम गार्ड भर्ती ने इस संकट को एक बार फिर उजागर कर दिया. सिर्फ 102 पदों के लिए 4040 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया और 3200 से ज्यादा ने लिखित परीक्षा दी. यह परीक्षा ओडिशा स्पेशल आर्म्ड पुलिस बटालियन ग्राउंड में आयोजित की गई.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता मात्र पांचवीं पास रखी गई थी और दैनिक भत्ता करीब 623-639 रुपये है. फिर भी परीक्षा देने वालों में बड़ी संख्या ग्रेजुएट्स, पोस्ट ग्रेजुएट्स और तकनीकी डिग्री धारकों की थी. कई उम्मीदवारों ने बताया कि निजी क्षेत्र में नौकरियां नहीं मिल रही हैं, इसलिए मजबूरी में वे इस भर्ती में हिस्सा ले रहे हैं. एक उम्मीदवार ने कहा, "यहां इतनी फैक्ट्रियां हैं, फिर भी स्थिर नौकरी नहीं मिलती. होम गार्ड ही आखिरी विकल्प बचा है."
यह घटना कोई अलग-थलग मामला नहीं है. कुछ दिन पहले संबलपुर में 187 होम गार्ड पदों के लिए 8000 से ज्यादा उम्मीदवार जमादारपाली हवाई पट्टी पर परीक्षा देने पहुंचे थे. वहां की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिसमें हजारों युवा जमीन पर बैठकर परीक्षा देते नजर आए. इसी तरह राउरकेला में भी 202 पदों के लिए हजारों आवेदन आए, जिनमें बीटेक और डबल एमए धारी शामिल थे.
ये घटनाएं ओडिशा में शिक्षित बेरोजगारी की गंभीर समस्या को रेखांकित करती हैं. राज्य में औद्योगिक विकास के बावजूद युवाओं के लिए उपयुक्त रोजगार के अवसर कम हैं. खनन और कृषि पर निर्भर अर्थव्यवस्था में नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा और कौशल में अंतर, सरकारी भर्तियों में देरी और निजी क्षेत्र की सुस्ती इस संकट के मुख्य कारण हैं.
भर्ती प्रक्रिया के अनुसार, झारसुगुड़ा में लिखित परीक्षा पास करने वाले करीब 1010 उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए बुलाया जाएगा. अंतिम चयन दोनों परीक्षाओं के आधार पर होगा. इसका मतलब है कि हर पद के लिए औसतन 40 से ज्यादा उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.