Entrance exam changes: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. 2026-27 सत्र से, जेईई मेन, नीट-यूजी और सीयूईटी-यूजी के उम्मीदवारों को अब अपना परीक्षा शहर नहीं चुनना होगा. इसके बजाय, परीक्षा केंद्रों का आवंटन उम्मीदवार के आधार कार्ड पर दिए गए पते के अनुसार ही किया जाएगा यह प्रणाली कदाचार को कम करने और निष्पक्षता बढ़ाने के लिए बनाई गई है.
इस नए पते-आधारित आवंटन का उद्देश्य नकल और नकल पर अंकुश लगाना है, और यह सुनिश्चित करना है कि छात्र अपने पंजीकृत स्थानों के नजदीक परीक्षाएं दे सकें. पिछली व्यवस्था के तहत, उम्मीदवार तीन या चार पसंदीदा शहर चुन सकते थे, लेकिन सुधार के तहत यह विकल्प समाप्त कर दिया जाएगा.
यह बदलाव घर से दूर पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि पुरानी आधार जानकारी के कारण उन्हें असुविधाजनक या दूर के केंद्रों में भेजा जा सकता है. एनटीए ने छात्रों को आवेदन करने से पहले अपनी आधार जानकारी की जांच और उसे अपडेट करने के लिए आगाह किया है, क्योंकि पंजीकरण विंडो बंद होने के बाद इसमें बदलाव की अनुमति नहीं होगी.
ये बदलाव जनवरी 2026 के जेईई मेन सत्र से लागू
ये बदलाव जनवरी 2026 के जेईई मेन सत्र से लागू होंगे, उसके बाद नीट और सीयूईटी परीक्षाएं भी आयोजित की जाएँगी. इसके अलावा, एनटीए पहचान सत्यापन को और कड़ा कर रहा है: उम्मीदवारों के नाम, जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत विवरण उनकी कक्षा 10 की मार्कशीट से बिल्कुल मेल खाने चाहिए. वर्तनी की छोटी-सी भी गलती से आवेदन अस्वीकार हो सकता है.
इसके अलावा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग या दिव्यांग वर्ग के अंतर्गत आरक्षण का दावा करने वाले छात्रों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके श्रेणी प्रमाणपत्र आधार और कक्षा 10 के दस्तावेज़ों में एक जैसे हों. किसी भी तरह की विसंगति के परिणामस्वरूप आरक्षण का दावा अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
परीक्षा प्रक्रियाओं को सरल बनाना मकसद
एनटीए का कहना है कि ये सुधार परीक्षा प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सत्यापन की विश्वसनीयता को मज़बूत करने के व्यापक एजेंडे का हिस्सा हैं. जो छात्र सभी आधिकारिक रिकॉर्डों को एक साथ रखने में विफल रहते हैं, उन्हें इन महत्वपूर्ण परीक्षाओं में बैठने का मौका गँवाने का जोखिम रहता है.