BSE सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 201.44 अंक की गिरावट के साथ 75,795.42 अंक पर पहुंच गया. NSE निफ्टी 82.65 अंक फिसलकर 22,876.85 अंक पर रहा. आज के शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में लाल निशान पर कारोबार हो रहा है. निवेशक सतर्क हैं और बाजार में उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट वैश्विक बाजारों में कमजोर संकेतों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों से जुड़ी अनिश्चितता के कारण हो रही है.
अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में गिरावट: शेयर बाजारों पर वैश्विक परिस्थितियों का असर देखा जा रहा है. अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में गिरावट के कारण भारतीय बाजार में भी मंदी का रुख देखा गया. निवेशकों को आने वाली तिमाही के लिए नकारात्मक आर्थिक आंकड़ों की चिंता है, जिसके चलते वे अपने निवेश को लेकर सतर्क हो गए हैं.
घरेलू स्तर पर, आर्थिक आंकड़ों के कमजोर संकेत भी बाजार में गिरावट की वजह बन रहे हैं. भारत के इंडस्ट्रियल उत्पादन और महंगाई के आंकड़े उम्मीद से कम रहने के कारण इन्वेस्टर्स में बेचैनी है. इसके साथ ही भारतीय रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा है, जो कि निवेशकों के लिए एक और चिंता का कारण बन रहा है.
सेंसेक्स में करीब 500 अंकों की गिरावट देखी गई, वहीं निफ्टी भी 200 अंक गिरकर 18,000 के नीचे पहुंच गया. प्रमुख सेक्टर्स जैसे वित्त, ऑटो, और ऊर्जा में गिरावट देखने को मिली. निवेशकों ने मुनाफावसूली को प्राथमिकता दी, जिसके कारण बाजार में दबाव बढ़ा.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हालांकि ये गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए. "बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है, लेकिन मौजूदा स्थिति में निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और लंबी अवधि के लिए निवेश की योजना बनानी चाहिए," - एक प्रमुख ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक ने कहा.
वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार में जो गिरावट आई है, वह वैश्विक और घरेलू कारकों के मिश्रण का परिणाम है. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और किसी भी निवेश निर्णय से पहले अच्छे से शोध करें. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में कुछ समय बाद सुधार हो सकता है, इसलिए दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए.