RBI का बड़ा ऐलान, रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव; EMI पर नहीं पडे़गा कोई असर

RBI Repo Rate: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को ज्यों का त्यों ही रखा है. इसे 5.5% पर ही रखने का फैसला लिया गया है.

Shilpa Srivastava

RBI Repo Rate: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को ज्यों का त्यों ही रखा है. इसे 5.5% पर ही रखने का फैसला लिया गया है. यह फैसला मॉनिट्री पॉलिसी कमिटी द्वारा लिया गया है, जो 6 एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप है. यह देश की देश की ब्याज दरों और वित्तीय नीतियों पर निर्णय लेने का काम करते हैं. रेपो रेट को स्टेबल रखने का काम सर्वसम्मति से लिया गया है. 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में, RBI ने अर्थव्यवस्था को बेहतर बानने के लिए रेपो दर में 100 बेस प्वाइंट्स या 1% की कटौती की थी. फिर फरवरी में 25 अंक, अप्रैल में 25 अंक और जून में 50 अंक की कटौती की थी. 

क्या होता है रेपो रेट:

बता दें कि रेपो दर वह दर है जिस पर RBI कमर्शियल बैंकों को लोन देता है. इस दर को कम करने से आमतौर पर बिजनेसेज और लोगों के लिए लोन सस्ते हो जाते हैं. इससे खर्च और निवेश को बढ़ावा मिलता है. इस दर को स्टेबल रखने का मतलब है कि RBI कोई भी नया बदलाव नहीं कर रहा है. गवर्नर मल्होत्रा ने यह भी कहा कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है, खासकर ग्लोबल इकोनॉमी में बदलाव के साथ. उनका मानना है कि भारत अपनी आंतरिक शक्तियों के कारण मजबूत स्थिति में है.

एमपीसी में छह सदस्य हैं जिनमें संजय मल्होत्रा (आरबीआई गवर्नर), पूनम गुप्ता (डिप्टी गवर्नर), राजीव रंजन (कार्यकारी निदेशक), नागेश कुमार (आर्थिक विशेषज्ञ), सौगत भट्टाचार्य (अर्थशास्त्री), राम सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर) शामिल हैं.