Sin Goods: क्या होते हैं सिन गुड्स जिन पर लगा 40% GST, कौन से प्रोडेक्ट होते हैं शामिल और सरकार क्यों वसूलती हैं मोटा 'टैक्स'

New GST Slab: केंद्र सरकार ने जीएसटी ढांचे में बदलाव करते हुए नया 40% टैक्स स्लैब लागू किया है, जो केवल 'सिन गुड्स' और लग्जरी सामान पर लागू होगा. 12% और 28% स्लैब खत्म कर दिए गए हैं. अब अधिकतर सामान पर 5% और 18% टैक्स लगेगा, जिससे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, टीवी और दवाइयां सस्ती होंगी.

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Princy Sharma

What Are Sins Goods: केंद्र सरकार ने जीएसटी GST ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए नया 40 परसेंट टैक्स स्लैब लागू करने का ऐलान किया है. यह अब तक का सबसे ऊंचा टैक्स स्लैब है, जो केवल 'सिन गुड्स' (Sins Goods) और कुछ लग्जरी सामानों पर लागू होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में पेश किया. 

सरकार ने जीएसटी की पुरानी 12% और 28% की दरों को खत्म कर दिया है. अब अधिकतर सामान केवल 5% और 18% की दर से टैक्स होंगे. यानी आम लोगों के लिए रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, छोटे टीवी, एसी और दवाइयां पहले से सस्ती हो जाएंगी. 

क्या होते हैं 'सिन गुड्स'?

वहीं, सिन गुड्स यानी सेहत और समाज के लिए हानिकारक माने जाने वाले उत्पादों पर अब सबसे ऊंचा 40 % जीएसटी देना होगा. इसमें पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू, सिगार, एल्कोहॉलिक और शुगर-ड्रिंक्स, एनर्जी व ड्रिंक्स शामिल हैं. इसके अलावा, लग्जरी और महंगे प्रोडक्ट्स पर भी यही टैक्स लागू होगा. इसमें 1200cc से बड़ी पेट्रोल कारें, 1500cc से बड़ी डीजल कारें, 350cc से ऊपर की मोटरसाइकिलें, याट्स, पर्सनल एयरक्राफ्ट, रेसिंग कार और ऑनलाइन जुआ व गेमिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं. 

कब से लागू होगा नया टैक्स स्ट्रक्चर?

पहले इन सामानों पर 28% जीएसटी के साथ कंपन्सेशन सेस लगाया जाता था, जिससे टैक्स बोझ करीब 40% तक पहुंचता था. अब उस सेस को खत्म करके सीधे 40 % जीएसटी स्लैब लागू कर दिया गया है. सरकार का कहना है कि इससे टैक्स कलेक्शन बना रहेगा और इन सामानों की खपत भी घटेगी. नया टैक्स स्ट्रक्चर 22 सितंबर से लागू होगा. इसका मतलब है कि आम लोगों के लिए रोजमर्रा के सामान सस्ते होंगे, लेकिन सिगरेट-गुटख , महंगी गाड़ियां और लग्जरी चीजें अब जेब पर और भारी पड़ेंगी.

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