क्या होती है शेयर बाजार की मुहूर्त ट्रेडिंग, इस बार क्या है डेट और समय? निकल ना जाए दिवाली पर मोटी कमाई का सुनहरा मौका

Muhurat Trading: आम तौर पर मुहूर्त सत्र शाम के समय आयोजित किया जाता है लेकिन इस बार मुहूर्त सत्र दोपहर 1.45 बजे से 2.45 बजे के बीच में आयोजित होगा.

Muhurat trading 2025
Sagar Bhardwaj

Muhurat Trading: एक तरफ जहां भारतवासी दिवाली का जश्न मनाने को तैयार हैं वहीं दूसरी तरफ भारत का शेयर बाजार अपने सबसे प्रतीकात्मक वार्षिक अनुष्ठानों में से एक मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए तैयार है. शेयर बाजार के निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग से तो वाकिफ होंगे लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर मुहूर्त ट्रेडिंग का एक घंटे का स्पेशल सत्र क्यों आयोजित किया जाता है और इसके पीछे क्या कारण हैं.

दरअसल, मुहूर्त ट्रेडिंग को संवत 2082 की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, जो कि समृद्धि और आशा के साथ हिंदुओं के नए वित्तीय साल की शुरूआत को दर्शाता है.

इस बार कब है मुहूर्त ट्रेडिंग

हर बार की तरह इस बार भी मुहूर्त ट्रेडिंग दीवाली के दिन यानी 21 अक्टूबर को होगी. निवेशक और ट्रेडर मात्र एक घंटे के लिए एनएसई और बीएसई पर ट्रेड कर सकेंगे. यानी मंगलवार को दीवाली के अवसर पर शेयर बाजार नियमित ट्रेडिंग के लिए बंद रहेगा और केवल एक घंटे के लिए स्पेशल सत्र के दौरान खोला जाएगा. इसके बाद 22 अक्टूबर को बलिप्रतिपदा के अवसर पर भी शेयर बाजार बंद रहेगा.

इस बार क्या है मुहूर्त सत्र का समय

आम तौर पर मुहूर्त सत्र शाम के समय आयोजित किया जाता है लेकिन इस बार मुहूर्त सत्र दोपहर 1.45 बजे से 2.45 बजे के बीच में आयोजित होगा. हालांकि 2.55 तक ट्रेड में बदलाव की अनुमति होगी, वहीं ईक्विटी, फ्यूचर एंड ऑप्शन, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स और सिक्योरिटी लेंडिंग और बोरोइंग सेग्मेंट में लेनदेन की अनुमति होगी.

मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व

संस्कृत शब्द शुभ घड़ी से निकला शब्द मुहूर्त ट्रेडिंग निवेशकों और व्यापार के लिए प्रतिकात्मक रूप से एक नई शुरुआत को दर्शाता है. दशकों से चली आ रही यह परंपरा आस्था और वित्त का मिश्रण है जो इस विश्वास को दर्शाता है कि इस घड़ी में किया गया निवेश आने वाले वर्ष में सौभाग्य लाता है. आम तौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिलती है. बीएसई सेंसेक्स पिछले 18 मुहूर्त सत्रों में से 14 में बढ़त के साथ बंद हुआ, यही नहीं 2008 में आये वैश्विक वित्तीय संकट के समय भी बीएसई में 5.86 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी. वहीं 2024 में भी इसमें 0.42 प्रतिशत की बढ़त देखी गई.